Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 11:26 PM
पंजाब सरकार ने जालंधर, अमृतसर और पटियाला नगर निगमों के चुनाव 15 दिसम्बर के आसपास करवाने की योजना तैयार कर ली है, जिसके तहत इन तीनों शहरों की वार्डबंदी को फाइनल रूप देकर वोटों में संशोधन का काम जल्द चालू किया जा रहा है। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत...
जालंधर/चंडीगढ़(खुराना/पराशर): पंजाब सरकार ने जालंधर, अमृतसर और पटियाला नगर निगमों के चुनाव 15 दिसम्बर के आसपास करवाने की योजना तैयार कर ली है, जिसके तहत इन तीनों शहरों की वार्डबंदी को फाइनल रूप देकर वोटों में संशोधन का काम जल्द चालू किया जा रहा है।
स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने आज पत्रकारों को बताया कि लुधियाना नगर निगम के चुनाव बाद में करवाए जाएंगे। यह चुनाव अगले साल जनवरी-फरवरी तक लटक सकते हैं। उन्होंने कहा कि 3 शहरों के साथ-साथ 36 नगर परिषदों के चुनाव भी करवा लिए जाएंगे। सरकारी सूत्रों से पता चला है कि इन दिनों लुधियाना नगर निगम की वार्डबंदी को लेकर समस्या बनी हुई है, जबकि बाकी तीनों बड़े शहरों की वार्डबंदी का काम लगभग पूरा हो चुका है।
कांग्रेस के ज्यादातर विधायक चाहते हैं कि लुधियाना नगर निगम के कारण बाकी निगमों के चुनाव लेट नहीं होने चाहिए, इसलिए राज्य सरकार लुधियाना नगर निगम के चुनाव अलग करवाने का मन बना चुकी है। कांग्रेसी विधायकों का यह भी कहना है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभाओं के जो नतीजे 18 दिसम्बर को घोषित हो रहे हैं, उनसे पहले ही पंजाब में निगम चुनाव हो जाने चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि इन दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम कांग्रेस के उल्ट आएं, ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए नमोशी वाली स्थिति हो सकती है।
कांग्रेसी विधायकों का यह भी मानना है कि गुजरात व हिमाचल चुनावों के परिणाम आने से पहले अगर पंजाब में निगम चुनाव सम्पन्न हो जाते हैं तो ऐसी स्थिति में पंजाब के बड़े शहरों में कांग्रेस के मेयर बन सकते हैं, इसलिए जालंधर, अमृतसर और पटियाला में पहले निगम चुनाव करवाने का फैसला लिया जा रहा है। इन विधायकों का तर्क है कि अगर इन तीन शहरों में कांग्रेस पार्टी के मेयर आ गए तो लुधियाना में कांग्रेस का मेयर आने के चांस भी बढ़ जाएंगे। इस बीच पता चला है कि जालन्धर, अमृतसर और पटियाला शहरों के प्रशासनिक अधिकारियों को आज चंडीगढ़ बुलाकर निर्देश दिए गए कि वे निगम चुनावों के दृष्टिगत वार्डों की बनावट के हिसाब से वोटों में संशोधन और नई वोटें बनाने का काम जल्द शुरू करें। आने वाले दिनों में वोटों संबंधी कार्यक्रम और चुनावी प्रक्रिया घोषित होने की संभावना है।
विकास कार्यों का इंतजार नहीं करेगी कांग्रेस: राज्य में निगम चुनावों के दृष्टिगत सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने हाल ही में बड़े शहरों को ग्रांटें जारी की हैं ताकि इन शहरों में विकास कार्य शुरू करवा कर उनका लाभ निगम चुनावों में लिया जा सके परन्तु माना जा रहा है कि इन ग्रांटों से शुरू होने वाले विकास कार्यों में देरी हो सकती है।जालन्धर निगम की ही बात करें तो इन ग्रांटों से लगे 42 करोड़ रुपए के टैंडर दिसम्बर के पहले सप्ताह में खुलने हैं।
ऐसे में अगर 15 दिसम्बर के आसपास चुनाव होते हैं तो कोई भी कार्य ढंग से शुरू नहीं हो पाएगा। कांग्रेसी विधायकों का कहना है कि वे बगैर विकास कार्य करवाए ही निगम चुनावों का सामना करने को तैयार हैं। अगर निगम चुनावों मे देरी होती है और उस दौरान गुजरात तथा हिमाचल चुनावों के परिणाम कांग्रेस के उल्ट आते हैं तो उस स्थिति में कांग्रेस के लिए निगम चुनावों में हालात बदल सकते हैं, इसलिए विधायक कोई रिस्क नहीं लेना चाहते और बड़े शहरों में 15 दिसम्बर के आसपास चुनाव करवाने हेतु हामी भर चुके हैं।