Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 06:57 PM
केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा शाहकोट विधानसभा सीट का उप चुनाव अगले 6 महीने के भीतर करवाया जाएगा। शाहकोट का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व अकाली मंत्री अजीत सिंह कोहाड़ का गत दिनों हृदयगति रुकने के कारण देहांत हो गया था। सरकारी हलकों से पता चला है कि...
जालन्धर(धवन): केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा शाहकोट विधानसभा सीट का उप चुनाव अगले 6 महीने के भीतर करवाया जाएगा। शाहकोट का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व अकाली मंत्री अजीत सिंह कोहाड़ का गत दिनों हृदयगति रुकने के कारण देहांत हो गया था। सरकारी हलकों से पता चला है कि चुनावी नियमों के अनुसार जब कोई विधानसभा सीट खाली होती है तो उसे भरना 6 महीने के अंदर अनिवार्य हो जाता है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग आने वाले कुछ महीनों में उप चुनाव का तरीख का ऐलान करेगा।
चुनाव आयोग यह ध्यान रख कर चुनावी तारीख तय करता है कि सभी राज्यों में इकट्ठे ही उप चुनाव करवा दिए जाएं। 2017 में पंजाब विधानसभा के आम चुनावों में शाहकोट विधानसभा हलके में कांग्रेस, अकाली दल तथा आम आदमी पार्टी के बीच में मुकाबला हुआ था। जिसमें पहले स्थान पर अकाली दल तथा दूसरे स्थान पर कांग्रेस के हरदेव सिंह लाडी शेरोवालिया आए थे। वह लगभग 4900 मतों के अंतर से पराजित हुए थे। अन्यथा उससे पहले शाहकोट सीट पर अकाली दल बड़े मार्जन से जीतता आ रहा था। 1992 में ही कांग्रेस ने यह सीट जीती थी जब अकाली दल ने बायकाट किया था। अब अगले 6 महीने में होने वाले उप चुनाव में शाहकोट सीट कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्र बन जाएगी क्योंकि सत्ता में होते हुए कोई भी पार्टी उप चुनाव हारना नही चाहती है।
पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस भी शाहकोट विधानसभा सीटो को लेकर अपनी चुनावी रणनीति तय करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही शाहकोट विधानसभा हलके के लिए ग्रांटों के मुंह खोल दिए हैं तथा शाहकोट में नगर पंचायत को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पिछले समय में ग्रांटें भी रिलीज की हैं। चुनावी अधिकारियों का मानना है कि फिलहाल अगले तीन महीने के बीच तो उप चुनाव के आसार नहीं हैं पर मई-जून महीने तक उप चुनाव अवश्य हो जाने के आसार हैं। इसलिए शाहकोट विधानसभा सीट को लेकर होने वाले उप चुनाव से पाॢटयों की लोकप्रियता की भी परख हो जाएगी। सत्ताधारी कांग्रेस जहां उप चुनाव को जीतना चाहेगी तो दूसरी ओर विपक्षी पाॢटयां अपना प्रभुत्व जताने की चेष्टा करेंगे।