खाली पड़े प्लाटों में मकान बनाने की समयावधि का देना पड़ेगा एफिडेविट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Dec, 2017 08:05 AM

elapsed plots will have to give affidavit

इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने अपनी कालोनियों की खूबसूरती के मद्देनजर नया नियम बनाया है जिसके चलते अब खाली पड़े प्लाटों में मकान/कोठी बनाने की समयावधि का एफिडेविट देना पड़ेगा। ऐसा कदम इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने इसलिए उठाया है क्योंकि खाली पड़े प्लाटों की वजह से...

जालंधर(पुनीत): इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने अपनी कालोनियों की खूबसूरती के मद्देनजर नया नियम बनाया है जिसके चलते अब खाली पड़े प्लाटों में मकान/कोठी बनाने की समयावधि का एफिडेविट देना पड़ेगा। ऐसा कदम इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने इसलिए उठाया है क्योंकि खाली पड़े प्लाटों की वजह से कालोनी की खूबसूरती को ग्रहण लगता है। खाली प्लाटों में उगी जंगली बूटी की वजह से सांप-बिच्छू से लेकर कई प्रकार के जहरीले कीड़े निकलते हैं।

वर्षा के दिनों में खाली प्लाटों में भरे पानी में मच्छर इत्यादि पनपते हैं, जिससे इलाका वासियों में रोष देखने को मिलता है। ट्रस्ट के नियमों के मुताबिक ट्रस्ट जो कालोनी बनाता है उसमें 3 वर्ष तक निर्माण करना होता है, जिसके बाद नॉन कंस्ट्रक्शन चाॢजस वूसले जाते हैं। ट्रस्ट के ई.ओ. राजेश चौधरी का कहना है कि ट्रस्ट के अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि जो व्यक्ति नॉन कंस्ट्रक्शन चाॢजस जमा करवाने आता है, उससे एफिडेविट लिया जाए, जिसमें मकान/कोठी के निर्माण कार्य करने की अंतिम तिथि बताई गई हो। 

एफिडेविट के बिना नॉन कंस्ट्रक्शन चाॢजस नहीं होंगे जमा : इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने खाली प्लाट मालिकों को नॉन कंस्ट्रक्शन चार्जि,स जमा करवाने के लिए नोटिस भेजने शुरू किए हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बकाया नॉन कंस्ट्रक्शन चाॢजस उससे ही वसूल किए जाएंगे जो मकान/कोठी के निर्माण कार्य की अवधि का एफिडेविट देंगे। ट्रस्ट अधिकारियों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्होंने प्लाट इत्यादि इंवैस्टमैंट के लिए ले रखे होते हैं और उसका दाम बढऩे का इंतजार करते हैं। 

प्लाट जब्त करना होगा आसान
ट्रस्ट द्वारा एफिडेविट का जो नियम बनाया गया है, उससे ट्रस्ट को आने वाले समय में प्लाट जब्त करना आसान रहेगा। सरकार ने एक आदेश जारी कर उन प्लाटों को जब्त करने को कहा था जिन्होंने ट्रस्ट की कालोनी बनने के 15 वर्ष बाद भी निर्णाण नहीं किया था। लोगों की मांग पर जून में 3 वर्ष की समयावधि निर्माण करने के लिए दे दी गई। ट्रस्ट अधिकारियों का कहना है कि प्लाट धारक का जब उनके पास निर्णाण कार्य करने के बारे में एफिडेविट होगा तो उनके लिए निर्माण न होने की सूरत में प्लाट को जब्त करना आसान होगा। 

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