Edited By Updated: 11 Apr, 2017 01:34 PM
नोटबंदी हुए 5 महीने बीत चुके हैं लेकिन उसका असर आज भी लोगों पर आम ही देखा जा सकता है। पहले तो लोगों ने सरकार या बैंकों का विरोध भी
भटिंडा (बलविंद्र): नोटबंदी हुए 5 महीने बीत चुके हैं लेकिन उसका असर आज भी लोगों पर आम ही देखा जा सकता है। पहले तो लोगों ने सरकार या बैंकों का विरोध भी किया, परन्तु अब लोग समस्याओं के हल के लिए डिजीटल तरिके अपना रहे हैं। इसके चलते लोगों ने ए.टी.एम. को छोड़ पे.टी.एम. पकड़ लिया है। अब लोग अपना लेन-देन पे.टी.एम. आदि तरीकों से कर रहे हैं।
नोटबंदी ने अफरा-तफरी जरूर मचा दी थी परन्तु इतनी समस्या वाली कोई बात नहीं थी। सबको अपने पैसे रद्दी होने का डर हो गया था। इससे यह जरूर हुआ कि लोगों की आदतें बदल चुकी हैं। पहले हर कोई नकदी लेन-देन करने को तरजीह देता था परन्तु अब हर कोई प्लास्टिक या डिजीटल पेमैंट को पहल दी जाती है। लोग ई-पेमैंट को अपना स्टेट सिंबल बनाने लगे हैं। -भारत भूषण गर्ग, सुनील ग्रोवर।
नोटबंदी ने बैंकों की अक्ष को ठेस पहुंचाई है, क्योंकि नोटबंदी के बाद बैंकों ने अपने नियम बदल दिए हैं, बल्कि काफी सख्ती कर दी है। बैंक खातों से पैसों का जमा रखना जरूरी कर दिया गया है। डिजीटल पेमैंट को बैंकों के बदल के तौर पर देखा जा रहा है, जिस कारण कई प्राइवेट कम्पनियों ने इसको अपना कारोबार बना लिया है। -प्रवीन पोल, मोहित पोल।
नोटबंदी ने बैंकों की अक्ष को ठेस पहुंचाई है, क्योंकि नोटबंदी के बाद बैंकों ने अपने नियम बदल दिए हैं, बल्कि काफी सख्ती कर दी है। बैंक खातों से पैसों का जमा रखना जरूरी कर दिया गया है। डिजीटल पेमैंट को बैंकों के बदल के तौर पर देखा जा रहा है, जिस कारण कई प्राइवेट कम्पनियों ने इसको अपना कारोबार बना लिया है। -प्रवीन पोल, मोहित पोल।