Edited By Updated: 20 Jan, 2017 11:05 AM
शिक्षा विभाग के ई-पंजाब वैब पोर्टल पर विद्यार्थियों के आधार कार्ड की डिटेल अपलोड करने में लापरवाही बरत रहे स्कूल संचालकों को विभाग ने दो
लुधियाना (विक्की): शिक्षा विभाग के ई-पंजाब वैब पोर्टल पर विद्यार्थियों के आधार कार्ड की डिटेल अपलोड करने में लापरवाही बरत रहे स्कूल संचालकों को विभाग ने दो टूक कह दिया है कि एक सप्ताह के भीतर स्टूडैंट्स का डाटा अपलोड करें अन्यथा उनके स्कूलों की एफीलिएशन रद्द करने की सिफारिश संबंधित बोर्ड को कर दी जाएगी। इस प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने के लिए डायरैक्टर जनरल ऑफ स्कूल एजुकेशन ने विभाग से ऐसे लापरवाह स्कूलों के नाम भी मांग लिए हैं। यही नहीं डी.जी.एस.ई. ने डिप्टी कमिश्नर को भी ऐसे स्कूलों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा है।
निजी स्कूलों के छात्रों की संख्या अधिक
गौरतलब है कि लुधियाना में करीब 1 लाख 8 हजार 89 विद्यार्थी ऐसे हैं, जिनके आधार कार्ड की डिटेल अभी तक शिक्षा विभाग की ई-पंजाब वैब पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई है। इनमें सरकारी स्कूलों के 1500, एडिड स्कूलों के 1600, सैंट्रल गवर्नमैंट के अंडर आते स्कूलों के 1989 के अलावा 1 लाख 3 हजार विद्यार्थी प्राइवेट स्कूलों के हैं। उक्त स्कूलों को पहले भी कई बार नोटिस भेजने के अलावा समय-समय पर मीटिंगें भी की जा चुकी हैं।
70 से अधिक आधार कार्ड पैंडिंग हैं तो स्कूल में आएगी मशीन
मीटिंग के दौरान अन्य स्कूलों ने भी विभिन्न तकनीकी खामियों के बारे में बताया, जिसका अधिकारियों ने मौके पर ही समाधान करने की बात कही। डिप्टी डी.ई.ओ. नाहर सिंह ने स्कूलों को दोहराया कि जिस स्कूल के 70 से अधिक विद्यार्थियों के आधार कार्ड बनने पैंडिंग हैं, वे स्कूल अपने लैटर पैड पर डी.ई.ओ. को आधार कार्ड मशीन भिजवाने हेतु आग्रह कर सकते हैं, जिसके बाद आधार कार्ड एजैंसी को उक्त स्कूल में बच्चों के आधार कार्ड बनाने हेतु भेजा जाएगा लेकिन इससे पहले स्कूलों को इस प्रक्रिया को मुकम्मल करने हेतु बच्चों का पूरा रिकॉर्ड फाइल में लगाकर तैयारी रखनी होगी। नाहर सिंह ने कहा कि उम्मीद है कि आज की मीटिंग के बाद अधिकतर स्कूल इस प्रक्रिया को मुकम्मल करने में दिलचस्पी दिखाएंगे।
डी.ई.ओ. साहब! आधार कार्ड बनाने के पैसे मांगती हैं एजैंसियां
मीटिंग के दौरान एक स्कूल की प्रिंसीपल ने विभाग के दावों की हवा निकालते हुए कहा कि बेशक आधार कार्ड बनाने वाली एजैंसियां स्कूलों में बच्चों के कार्ड बनाने पहुंच रही हैं, लेकिन इसकी एवज में वे 50 रुपए प्रति बच्चा मांगती हैं, जबकि सरकार की आधार कार्ड एनरोलमैंट फ्री है। पिं्रसीपल की बात सुनने के बाद विभाग के सुपरिटैंडैंट भारत भूषण ने साफ किया कि किसी भी एजैंसी को स्कूलों द्वारा कोई पैसा नहीं दिया जाएगा, क्योंकि यह सुविधा बिल्कुल फ्री में दी जानी है। डिस्ट्रिक्ट एम.आई.एस. को-आॢडनेटर विशाल कुमार ने सभी स्कूलों को आधार कार्ड को-आॢडनेटर पंजाब का सम्पर्क नंबर देकर कहा कि अगर कोई भी एजैंसी स्कूलों में आकर बच्चों के आधार कार्ड बनाने के पैसे मांगती है तो उक्त नंबर पर तुरंत सूचित किया जाए, ताकि ऐसी एजैंसियों पर शिकंजा कसा जा सके।