Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Aug, 2017 02:39 PM
ई-रिक्शा के चालान काटने पर ई-रिक्शा चालकों में भारी रोष फैल गया। ई-रिक्शा चालकों ने अपने रिक्शे बंद कर प्रशासन खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद ई-रिक्शा चालकों का एक वफद ए.डी.सी. बरनाला..........
बरनाला (विवेक सिंधवानी, गोयल): ई-रिक्शा के चालान काटने पर ई-रिक्शा चालकों में भारी रोष फैल गया। ई-रिक्शा चालकों ने अपने रिक्शे बंद कर प्रशासन खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद ई-रिक्शा चालकों का एक वफद ए.डी.सी. बरनाला, जिनके पास डी.टी.ओ. का भी चार्ज है, इस संबंधी उनको मिला तो ए.डी.सी के दुव्र्यवहार करने पर ई-रिक्शा चालकों का गुस्सा और भी बढ़ गया। उन्होंने डी.सी. दफ्तर आगे धरना लगाकर जमकर नारेबाजी की। ए.डी.सी. द्वारा कवरेज करने गए पत्रकारों से भी दुव्र्यवहार किया गया, जिसकी शिकायत पत्रकारों द्वारा डी.सी. बरनाला को की गई।
प्रशासन ने ई-रिक्शा रजिस्टर्ड करवाने के दिए हैं हुक्म : ट्रैफिक इंचार्ज
जब इस संबंधी ट्रैफिक इंचार्ज सरदारा सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा रजिस्टर्ड करने के आदेश दिए गए हैं, जिन्होंने ई-रिक्शा रजिस्टर्ड नहीं करवाए उनके चालान काटे गए हैं।
ई-रिक्शा नगर कौंसिल में रजिस्टर्ड होने के बावजूद काटा चालान
बातचीत करते हुए ई-रिक्शा यूनियन के प्रधान बलदेव भुच्चर और परमिंद्र सिंह ने कहा कि भारत सरकार देश में प्रदूषण कम करने के लिए ई-रिक्शा को बढ़ावा दे रही है परंतु जिला प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा चालकों के चालान काटे जा रहे हैं जबकि ई-रिक्शा में कोई इंजन नही होता। ट्रैफिक पुलिस द्वारा यह चालान काटे गए और जब इस संबंधी हमने पुलिस से बातचीत की तो पुलिस का कहना था कि जिला प्रशासन के आदेशों से ही ये चालान काटे जा रहे हैं।
इस उपरंत हम ए.डी.सी. बरनाला को मिलने आए पर उन्होंने भी हमारे साथ घटिया व्यवहार किया। इतना ही नहीं उन्होंने पत्रकारों से दुव्र्यवहार कर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का भी अपमान किया है। जिसके रोष में हमने ए.डी.सी. खिलाफ धरना लगाया है। अगर पंजाब सरकार ने ए.डी.सी. खिलाफ सख्त कार्रवाई न की तो हमारे द्वारा इस संघर्ष को और भी तीव्र किया जाएगा।