Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jun, 2017 10:01 AM
विकास कार्यों की लागत बढ़ाने की आड़ में इंजीनियरिंग ब्रांच द्वारा अंजाम दी जा रही धांधली को इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के ई.ओ. ने बेनकाब किया है।नियमों के मुताबिक विकास कार्यों के लिए जो वर्क आर्डर जारी किया जाता है, उसको 25 फीसदी तक रिवाइज किया जा सकता है।
लुधियाना(हितेश): विकास कार्यों की लागत बढ़ाने की आड़ में इंजीनियरिंग ब्रांच द्वारा अंजाम दी जा रही धांधली को इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के ई.ओ. ने बेनकाब किया है।नियमों के मुताबिक विकास कार्यों के लिए जो वर्क आर्डर जारी किया जाता है, उसको 25 फीसदी तक रिवाइज किया जा सकता है।
हालांकि इस पहलू का फायदा जरूरत के हिसाब से उठाने के निर्देश सरकार ने जारी किए हुए हैं, लेकिन अफसरों द्वारा ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने की कवायद के तहत लागत बढ़ाने का फैशन ही बन गया है। जहां तक नगर निगम का सवाल है, वहां इस तरह लागत रिवाइज करने के लिए पहले आई ओवरआल सेविंग को ही आधार बनाया जाता है लेकिन इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में हालात उलट हैं। जो पहले एस्टीमेट का हिस्सा नहीं होती और उनकी एवज में कंपनी को फुल रेट के हिसाब से पेमैंट दी जाती है। ऐसे ही फोकल प्वाइंट में सड़कें बनाने से जुड़े मामले की फाइल जब पेमैंट जारी करने के लिए ई.ओ. के पास पहुंची तो इंजीनियरिंग ब्रांच द्वारा अंजाम दी जा रही धांधली पकड़ी गई, जिसमें एक और पहलू उजागर हुआ कि टैंडरकी जगह एस्टीमेट के आंकड़े को रिवाइज किया जा रहा है।
निगम अपना रहा डबल स्टैंडर्ड
विकास कार्यों की लागत बढ़ाने के मामले में निगम डबल स्टैंडर्ड अपना रहा है, जिसका सबूत गत दिनों हुई एफ. एंड सी.सी. की मीटिंग में लिए गए फैसलों में देखने को मिलता है। इस दौरान गंदे नाले को पक्का करने के प्रोजैक्ट में तो टैंडर की राशि ज्यादा होने का हवाला देते एस्टीमेट ही रिवाइज किया गया है। यही फार्मूला वार्ड नं. 60 के पार्कों बारे चल रहे निर्माण को पूरा करने के लिए अपनाया गया। जबकि ट्यूबवैलों पर क्लोरीनेशन के काम में 3 महीने की एक्सटैंशन के लिए टैंडर अमाऊंट के मुताबिक आंकड़ा बनाया गया है।
फिर बदले ग्लाडा व इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के चीफ
ग्लाडा व इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में किसी अधिकारी के लंबे समय तक चीफ के तौर पर तैनात न रहने की रिवायत टूटने का नाम नहीं ले रही, जिसके तहत कुछ समय पहले ही लगाए गए अधिकारी को फिर बदल दिया गया है।उसके तहत पहले तैनात बलविन्द्र सिंह धालीवाल को एडीशनल रजिस्ट्रार को-आप्रेटिव सोसाइटीज लगाया गया है, उनकी जगह परमिन्द्र सिंह गिल को ग्लाडा चीफ व इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट चेयरमैन की ज्वाइंट जिम्मेदारी मिली है।