Edited By Updated: 23 Feb, 2017 11:35 AM
बीमारी का बहाना लगाकर परीक्षा ड्यूटी कटवाने वाले अध्यापकों की बहानेबाजी इस बार नहीं चलने वाली। प्रति वर्ष परीक्षाओं के दिनों में ही आने वाले उक्त मामलों को देखते हुए इस बार पहले ही बोर्ड ने भी अपनी तैयारी कर रखी है ताकि अध्यापक बीमारी का बहाना...
लुधियाना(विक्की): बीमारी का बहाना लगाकर परीक्षा ड्यूटी कटवाने वाले अध्यापकों की बहानेबाजी इस बार नहीं चलने वाली। प्रति वर्ष परीक्षाओं के दिनों में ही आने वाले उक्त मामलों को देखते हुए इस बार पहले ही बोर्ड ने भी अपनी तैयारी कर रखी है ताकि अध्यापक बीमारी का बहाना लगाकर परीक्षा ड्यूटी कटवाने में कामयाब न हो जाएं। इसके लिए बोर्ड ने स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव को बाकायदा पत्र भी लिखा है ताकि जिला स्तर पर स्वास्थ्य अधिकारियों को भी निर्देश जारी करवाए जा सकें। हालांकि विशेष केस में बोर्ड ने स्वयं ही ऐसे अध्यापकों को छूट देने की बात कही है।
बतौर निगरान लगती है अध्यापकों की ड्यूटी
बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी देने के लिए सरकारी स्कूलों के अध्यापकों की ड्यूटियां परीक्षा केंद्रों में बतौर निगरान लगाई जाती हैं। लेकिन बोर्ड के ध्यान में आया है कि अक्सर ड्यूटी लिस्ट में अपना नाम देखते ही अध्यापक बीमारी का हवाला देकर सिविल सर्जन से मैडीकल सर्टीफिकेट बनवाकर ड्यूटी कटवाने के लिए आवेदन कर देते हैं। ऐसे हालातों में बोर्ड को फिर से ड्यूटी कटवाने वाले अध्यापक के स्थान पर अन्य किसी अध्यापक की ड्यूटी लगानी पड़ती है ताकि परीक्षाओं का काम प्रभावित न हो।
समूह सिविल सर्जनों को जारी हुई हिदायतें
इस प्रक्रिया के अनुभवों को देखते हुए पहले ही इस बार बोर्ड ने ड्यूटी कटवाने वाली प्रैक्टिस पर रोक लगाने की तैयारी की है। बोर्ड के सैक्रेटरी की ओर से स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को लिखे पत्र में उक्त कारणों का हवाला देते हुए राज्य के समूह चीफ मैडीकल अफसरों व सिविल सर्जनों को हिदायतें जारी करने के लिए कहा गया है। उधर, पता चला है कि बोर्ड के इस पत्र पर मोहर लगाते हुए विभाग ने समूह सिविल सर्जनों को उक्त संबंधी हिदायतें जारी की हैं।
क्या लिखा है पत्र में
बोर्ड ने सैक्रेटरी हैल्थ को कहा है कि स्वास्थ्य विभाग के अधीन कार्य कर रहे अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं कि बोर्ड परीक्षाओं दौरान ड्यूटी पर तैनात अमले को केवल विशेष बीमारी और खास हालातों में ही छुट्टी के लिए मैडीकल सर्टीफिकेट जारी किए जाएं ताकि परीक्षाओं का कार्य बिना किसी रुकावट के पूरा हो सके।