Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Sep, 2017 10:43 AM
डेरासच्चा सौदा मुखी गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद डेरे में भेद जाहिर होने शुरू हो गए हैं।
लंबी/मलोटः डेरासच्चा सौदा मुखी गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद डेरे में भेद जाहिर होने शुरू हो गए हैं। मीडिया के कुछ लोगों की तरफ से ये दावा किया गया था कि 125 साध्वियां डेरे से वापस आई हैं जबकि सुत्रों अनुसार इन साध्वियों के बारे में हकीकत जानने की कोशिश की गई तो पता चला कि 240 साध्वियों को डेरे की मैनेजमेंट कमेटी ने कुछ महीने के लिए घर भेज दिया है और माहौल ठीक होने तक इन्हें वापस डेरे में बुला लिया जाएगा। इनमें दो साध्वियां लंबी हलके के एक गांव की हैं। दोनों सगी बहनें हैं और एक साध्वी मलोट की है।
घरवालों की तरफ से साध्वियों को किसी से नहीं मिलने दिया जा रहा। उन्होंने बताया कि उनकी दोनों बेटियां डेरे में पिछले 25-30 साल से रह रही हैं। दोनों को 10वीं तक पढ़ाकर डेरे में भेज दिया था। उन्होंने बताया कि वैसे तो डेरे की तरफ से इन्हें साध्वियों का पूरा खर्च दिया जाता था, परंतु बहुत सी साध्वियों के घर वाले इन्हें अपने घर से पूरा खर्च भेजते थे।
डेरामुखी द्वारा नपुंसक किए साधुओं में से एक साधु लंबी हलके के गांव ख्योवाली का था। लोगों का कहना है कि तब डेरे में उसे नपुंसक बना दिया गया तो उसके घर वाले उसे वापस लाए और उसका विवाह कर दिया, परंतु बाद में नपुंसक होने का पता लगने पर उसकी घरवाली भाग गई और वह साधू मानसिक तौर पर परेशान रहने लगा, जिसके बाद वह नशे की अादी हो गया, परंतु घर वालों रिश्तेदारों के समझाने पर दर्शन सिंह का दोबारा विवाह कर दिया, परंतु उसकी दूसरी पत्नी भी उसके घर नहीं रही, जिसके बाद वह दोबारा नशा करने लग गया उसने नशीली गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली।