Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Sep, 2017 01:44 PM
चक्की दरिया के उफान में एयरपोर्ट रोड ही नहीं बहा, बल्कि लगातार हो रहे कटाव के चलते चक्की पर बने रेल पुल को भी नुकसान पहुंचने की वजह से जम्मू-जालंधर रेल लिंक को खतरा पैदा हो गया है।
पठानकोटः चक्की दरिया के उफान में एयरपोर्ट रोड ही नहीं बहा, बल्कि लगातार हो रहे कटाव के चलते चक्की पर बने रेल पुल को भी नुकसान पहुंचने की वजह से जम्मू-जालंधर रेल लिंक को खतरा पैदा हो गया है।
रेलवे ने पुल को सुरक्षित करने के लिए 5.01 करोड़ से मुरम्मत का काम शुरू कराया है, लेकिन बरसात की वजह से वह भी रुका पड़ा है। मिलिट्री अस्पताल की दीवार दरिया से 7 फीट दूर रह गई है।
चक्की में माइनिंग की वजह पिछले एक दशक से रिवर बैड बिल्कुल खाली हो गया है जिसे दोनों तरफ बने स्ट्रक्चर को नुकसान पहुंच रहा है। पिछले दिनों बरसात में एयरपोर्ट का 50 फीट तक हिस्सा दरिया के बहाव में बह गया था। फिलहाल सड़क पर हैवी वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया है।
जालंधर-पठानकोट रेल लिंक के दोहरीकरण के चलते चक्की दरिया पर एक दशक पहले ही दूसरे रेल पुल का निर्माण भी किया गया था। लेकिन, कटाव से चलते दोनों पुलों को नुकसान पहुंच रहा है।
धीरे-धीरे कटाव एम.एच. की तरफ बढ़ना शुरू हो गया है और दीवार से 7 फीट की दूरी ही बची है। फिलहाल हिमाचल पी.डब्ल्यू.डी. ने पठानकोट की डी.सी. का पत्र मिलने के बाद कंकरीट की वाल बनाने के लिए काम शुरू कराया है ताकि पुल को सुरक्षित किया जा सके। रेलवे के सहायक मंडल इंजीनियर विपुल गोयल का कहना है कि कटाव की वजह से पुल का स्ट्रक्चर क्षतिग्रस्त हुआ है। रेलवे ने उसकी मुरम्मत के लिए काम शुरू कराया है। दरिया में क्या हो रहा है उसके बारे में कुछ नहीं कह सकते।
चक्की दरिया में रेलवे पुल के कटाव काफी बढ़ गया है। हिमाचल पी.डब्ल्यू.डी. के एस.डी.ओ. रूप चंद का कहना है कि नदी का बैड काफी खाली हो चुका है। इस वजह से बहाव पिछले कुछ दशकों में तेजी से बढ़ा है। दरिया में आगे माइनिंग भी हो रही है, उसका कारण भी हो सकता है उसके बारे में चेकिंग के बाद ही क्लियर हो सकता है।
पठानकोट-जालंधर के बीच रेल लाइन 1952 में बिछाई गई थी। इसके लिए पठानकोट के चक्की दरिया पर पुल का निर्माण किया गया था। रेलवे के जानकारों का कहना है कि जब पुल बनाया गया तो शुरूआत में चक्की रिवर बैड की ऊंचाई महज 20 फीट थी, जोकि 6 दशक में 20 से बढ़कर 100 से 120 फीट के बीच पहुंच गई है।