Edited By Updated: 22 Feb, 2017 12:50 PM
मौसम में अचानक परिवर्तन होने कारण किसान चिंतित हो गए हैं क्योंकि अचानक गर्मी बढऩे से किसानों द्वारा फसलों का नुक्सान होने का अंदाजा लगाया जा रहा है, समय से पूर्व गर्मी बढऩे से फसलों को तेला पडऩे के आसार बनते नजर आ रहे हैं जिस कारण किसानों की फसलों...
श्री हरगोबिन्दपुर/गुरदासपुर (विनोद, रमेश): मौसम में अचानक परिवर्तन होने कारण किसान चिंतित हो गए हैं क्योंकि अचानक गर्मी बढऩे से किसानों द्वारा फसलों का नुक्सान होने का अंदाजा लगाया जा रहा है, समय से पूर्व गर्मी बढऩे से फसलों को तेला पडऩे के आसार बनते नजर आ रहे हैं जिस कारण किसानों की फसलों का झाड़ कम हो जाएगा। इस संबंधी बातचीत करते हुए किसान कामरेड सर्बजीत सिंह, सेवा सिंह माड़ी बुच्चियां, सतनाम सिंह गालोवाल ने बताया कि इस बार गर्मी फरवरी माह में ही पडऩी शुरू हो गई है जबकि पहले हमेशा गर्मी मार्च माह में शुरू होती थी जिस कारण इस बार समय से पहले गर्मी आने से किसानों की फसलों को नुक्सान हो सकता है।
उन्होंने बताया कि समय से पूर्व गर्मी आने से सभी फसलों को नुक्सान होगा जिसमें सबसे अधिक गेहूं की फसल को नुक्सान होगा। गेहूं को तेला व पीली कुंगी आदि जैसी बीमारियां लग सकती हैं जिससे गेहूं के पौधों का विकास कम हो जाएगा। इससे गेहूं का झाड़ प्रति एकड़ 4 से 5 क्विंटल कम हो सकता है। उन्होंने बताया कि समय पूर्व गर्मी पडऩे से किसानों को फसलों को पानी अधिक देना पड़ेगा और दवाइयों का छिड़काव भी करना पड़ेगा जोकि किसानों पर अतिरिक्त बोझ होगा। किसानों ने कहा कि कृषि विभाग की बढिय़ा दवाइयों का चुनाव करके किसानों को जागरूक किया जाए और किसानों को सबसिडी पर सस्ती दवाइयां उपलब्ध करवाई जाएं ताकि किसी तरह के नुक्सान से बचा जा सके।
इस संबंधी जब कृषि विभाग के विस्तार अधिकारी यादविन्द्र सिंह श्री हरगोबिन्दपुर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा किसानों को जागरूक करने के लिए ग्राम स्तर पर कैम्प लगाए जा रहे हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि गेहूं की फसल को तेला व पीली कुंगी से बचाने के लिए किसानों को गेहूं की फसल को तुरंत पानी देना चाहिए और समय समय पर अपनी फसल का निरीक्षण करना चाहिए ताकि फसल को किसी भी तरह की बीमारी होने से पूर्व ही कृषि कार्यालय से सम्पर्क किया जा सके।