Edited By Updated: 25 May, 2017 03:12 PM
नगर में शराब का सेवन कर वाहन चलाने वाले चालकों पर काबू पाने के लिए पुलिस विभाग ने कमर कस ली है।
लुधियाना (सुरिन्द्र): नगर में शराब का सेवन कर वाहन चलाने वाले चालकों पर काबू पाने के लिए पुलिस विभाग ने कमर कस ली है। अब ट्रैफिक पुलिस नाके पर पियक्कड़ चालक पकड़े जाने पर उसका चालान नहीं करेगी। ट्रैफिक पुलिस कलंदरा तैयार कर संबंधित थाना पुलिस को बुला कर चालक को वाहन सहित उनके हवाले कर देगी जो रात भर वाहन चालक को हवालात में रख कर सुबह अदालत में पेश करेंगी। शराबी वाहन चालकों को पकडऩे के लिए नगर की ट्रैफिक पुलिस के पास दर्जनों की संख्या में आल्कोमीटर उपलब्ध हैं जिनकी सहायता से वाहन चालकों का अल्कोहल टैस्ट किया जाता है। मंगलवार रात को ट्रैफिक पुलिस नई व्यवस्था को शुरू कर ऐसे 2 वाहन चालकों को शराबी हालात में पकड़ कर हवालात की हवा खिला चुकी है।
पहले यह थी व्यवस्था
इससे पहले ट्रैफिक पुलिस रात्रि के समय विशेष नाके लगाकर वाहन चालकों की आल्कोमीटर की सहायता से टैस्ट कर रही थी। टैस्ट पॉजीटिव आने पर पियक्कड़ चालक का चालान कर उसके किसी परिचित को बुला कर मौके पर ही जमानत लेकर वाहन उसके हवाले करती थी। लेकिन अब नई व्यवस्था में पियक्कड़ चालक को हवालात की सैर करवाई जाएगी। पहले ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान भुगतने के लिए डी.टी.ओ. आफिस भेजा जाता था, जहां 2 हजार रुपए का जुर्माना वसूल किया जाता है।
हाईवे पर ठेके बंद होने से कारें बनीं बार
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से हाईवे के 500 मीटर तक के सभी ठेके बंद होने के कारण लोगों ने कारों को ही बार बनाना शुरू कर दिया है। कारों में शराब का सेवन करने से बाजारों में झगड़े या गैंगवार होने का खतरा अधिक बढ़ गया है। इसके साथ ही हाईवे के आस-पास खुले चिकन कार्नरों व ढाबों में भी नियमों को धत्ता बता शराब परोसी जा रही है। लुधियाना में समराला चौक, जालंधर बाईपास, बस्ती जोधोवाल, फिरोजपुर रोड पर यह धंधा फल-फूल रहा है।
शराबी चालक बन रहे हादसों का कारण : ए.सी.पी.
इस बारे में ए.सी.पी. ट्रैफिक गुरदेव सिंह का कहना है कि शराबी चालक दिन-ब-दिन बढ़ रहे सड़क हादसों का कारण बन रहे हैं। चालान होने पर भी लोग सुधर नहीं रहे। इसलिए अब पुलिस शराबी हालत में पकड़े जाने पर वाहन चालकों को संबंधित थाना पुलिस के हवाले किया जाएगा जो उसे रात भर हवालात में रख सुबह अदालत में पेश करेगी।
यह है सजा का प्रावधान
ट्रैफिक पुलिस द्वारा यह कार्रवाई मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 185 के तहत की जाएगी। इस धारा के तहत पियक्कड़ चालक को 6 माह तक की सजा या 2 हजार रुपए का जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं।