Edited By Updated: 25 Jan, 2017 01:56 AM
नगर निगम का गल्ला पूरी तरह से खाली हो चुका है। कई वर्षों से निगम के लिए विकास कार्य करने वाले ठेकेदार अब परेशान हो चुके हैं।
अमृतसर(संजीव): नगर निगम का गल्ला पूरी तरह से खाली हो चुका है। कई वर्षों से निगम के लिए विकास कार्य करने वाले ठेकेदार अब परेशान हो चुके हैं। करीब डेढ़ वर्ष से अपनी पेमैंट की राह देख रहे निगम के ठेकेदारों के धैर्य का बांध अब किसी भी समय टूट सकता है, वे निगम के बाहर धरने पर बैठने का मन बना रहे हैं। यह खुलासा नगर निगम ठेकेदार यूनियन के चेयरमैन अश्विनी मैनी, अध्यक्ष अशोक कुमार व अन्य सदस्यों ने किया। उन्होंने कहा कि लम्बे समय से निगम कमिश्नर व लेखा शाखा उनकी पेमैंट की लिस्ट ही बना रहे हैं, मगर आज तक उन्हें एक पैसे की भी पेमैंट नहीं की गई।
एक तरफ उन्हें नोटबंदी के कारण विकास कार्यों को चलाने में भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं, वहीं दूसरी तरफ निगम द्वारा उनके किए कामों की अदायगी न किए जाने के कारण अब तंगी के हालात से गुजरना पड़ रहा है। अगर जल्द निगम द्वारा उनसे करवाए गए कामों की अदायगी न की गई तो वे निगम कमिश्नर कार्यालय के बाहर अपना रोष धरना शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि वे किसी तरह पैसे का इंतजाम कर निगम के विकास कार्यों में उनका साथ देते आए हैं, मगर अब तंगी के समय निगम अधिकारी उन्हें समय पर पेमैंट नहीं कर रहे। यूनियन द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि लेखा-शाखा अपने कुछ चहेतों को पेमैंट कर रही है।
क्या कहना है निगम कमिश्नर का?
निगम कमिश्नर सोनाली गिरि का कहना है कि न तो जून में और न ही दिसम्बर में आने वाली यू.डी. ग्रांट उन्हें अभी तक नहीं मिली है, जिस कारण कर्मचारियों के वेतन देने में भी परेशानी आ रही है। वह निगम की रिकवरी पर दबाव बना रही है, ताकि आने वाले पैसे से निगम ठेकेदारों को करवाए गए विकास कार्यों की अदायगी की जा सके।