विदेश जाने के इच्छुक नौजवानों को ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना पड़ेगा महंगा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 12:17 PM

driving licence

विदेश जाने के इच्छुक नौजवानों को ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन महंगा पड़ सकता है क्योंकि अब विभिन्न देशों में पंजाबी नौजवानों को ड्राइविंग लाइसैंस जारी करने से पहले उनके पैतृक जिला की ट्रैफिक पुलिस से पी.सी.सी. मांगी जा रही है। स्पष्ट है कि अगर आवेदक का...

जालंधर(प्रीत): विदेश जाने के इच्छुक नौजवानों को ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन महंगा पड़ सकता है क्योंकि अब विभिन्न देशों में पंजाबी नौजवानों को ड्राइविंग लाइसैंस जारी करने से पहले उनके पैतृक जिला की ट्रैफिक पुलिस से पी.सी.सी. मांगी जा रही है। स्पष्ट है कि अगर आवेदक का ट्रैफिक रूल वायलेशन का चालान होता है तो उसे विदेश में ड्राइविंग लाइसैंस जारी नहीं होगा।उल्लेखनीय है कि जुलाई माह में ई-चालान सिस्टम शुरू किया गया था। कमिश्नरेट जालंधर देश का पहला शहर बना जहां एन.आई.सी. (नैशनल इन्फार्मेशन सैंटर) की गाइडलाइन के मुताबिक ई-चालान सिस्टम शुरू हुआ।

ई-चालान की डिटेल उसी क्षण एन.आई.सी. के सर्वर में फीड हो जाती है। शहर की एक सड़क पर हुए चालान का डाटा तुरंत देश के एन.आई.सी. के सर्वर में चले जाने से वाहन चालकों के लिए दिक्कत बढ़ गई है खासकर विदेश जाकर बसने वाले लोगों के लिए, क्योंकि अब कई देशों के परिवहन विभाग द्वारा यहां के लोगों को वहां ड्राइविंग लाइसैंस जारी करने से पहले यहां से पी.सी.सी. (पुलिस क्लीयरैंस सर्टीफिकेट) मांगी जा रही है। ट्रैफिक पुलिस स्टाफ से पी.सी.सी. इसलिए मांगी जा रही है ताकि पता चल सके कि ड्राइविंग लाइसैंस का आवेदन करने वाले ने नियमों का कभी उल्लंघन तो नहीं किया। ऐसी स्थिति में अगर आवेदक का ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का चालान हुआ हो तो उसे विदेश में ड्राइविंग लाइसैंस नहीं मिलेगा। ए.डी.सी.पी. ट्रैफिक कुलवंत सिंह हीर ने बताया कि पहले ट्रैफिक पुलिस से कभी भी पी.सी.सी. नहीं मांगी गई थी लेकिन पिछले कुछ महीनों से ट्रैफिक स्टाफ में पी.सी.सी. के लिए आवेदन आ रहे हैं। ए.डी.सी.पी. हीर के मुताबिक कमिश्नरेट की ट्रैफिक पुलिस द्वारा कुछ महीनों में 80 पी.सी.सी. जारी की गई हैं। पी.सी.सी. के लिए आवेदन आते ही उसका बायोडाटा, वाहन नम्बर इत्यादि कम्प्यूटर में फीड किया जाता है। अगर आवेदक का चालान हुआ हो तो उसकी डिटेल लिखित दी जाती है। अगर चालान कभी न हुआ हो तो उसे पी.सी.सी. जारी कर दी जाती है।


‘ई-चालान’ से ट्रांसपेरैंसी, 4 महीने, 3721 चालान, 11 लाख 43 हजार 200 रुपए जुर्माना
 21 जुलाई को कमिश्नरेट जालंधर में ई-चालान सिस्टम शुरू हुआ था। कमिश्नरेट ट्रैफिक स्टाफ को प्रथम चरण में ई-चालान की 5 मशीनें दी गई थीं। ई-चालान मशीन से ट्रैफिक पुलिस की वर्किंग ट्रांसपेरैंट और तेजी से होने लगी। जुलाई से अब तक ई-चालान के जरिए 3721 चालान किए गए और 11 लाख 43 हजार 200 रुपए जुर्माना वसूला गया। ए.डी.सी.पी. कुलवंत सिंह हीर ने बताया कि ई-चालान मशीन सीधे एन.आई.सी. के सर्वर से कनैक्ट है। चालान डिटेल फीड करते ही डाटा सर्वर में सेव हो जाता है। उन्होंने बताया कि मैन्युअल चालान की डिटेल भी बाद में कम्प्यूटर में फीड की जाती है, लेकिन ई-चालान की डिटेल उसी वक्त सर्वर में जाती है।

मंगवाई 5 और मशीनें, ऑनलाइन भी भुगत सकेंगे चालान
‘र्ई-चालान’ प्रोजैक्ट को तेजी से डिवैल्प किया जा रहा है। ई-चालान के अच्छे परिणाम आने के पश्चात कमिश्नरेट पुलिस ने 5 और मशीनें मंगवा ली हैं। अब आने वाली मशीनों में और सॉफ्टवेयर भी अपग्रेड किए गए हैं। पता चला है कि अपग्रेड सिस्टम में ट्रैफिक रूल वायलेटर घर बैठे ही चालान आनलाइन डैबिट, क्रैडिट कार्ड के जरिए भुगत सकता है। चालान भुगतने के पश्चात दस्तावेज उसे खुद ही ट्रैफिक दफ्तर से क्लैक्ट करने पड़ेंगे। चालान भुगतने के लिए कमिश्नरेट पुलिस की वैबसाइट पर भी ङ्क्षलक दिया जा रहा है।

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