Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Sep, 2017 10:49 AM
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने पंजाब कैबिनेट की तरफ से किसान कर्ज माफी के ड्राफ्ट नोटीफिकेशन को दी गई स्वीकृति को पंजाब के किसानों के साथ धोखा करार दिया है।
जालंधर (पाहवा): भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने पंजाब कैबिनेट की तरफ से किसान कर्ज माफी के ड्राफ्ट नोटीफिकेशन को दी गई स्वीकृति को पंजाब के किसानों के साथ धोखा करार दिया है। कालिया ने कहा कि यह कांग्रेस सरकार की चाल है। उन्होंने कहा कि गुरदासपुर लोक सभा सीट का उप चुनाव होने जा रहा है, तो कांग्रेस सरकार ने किसान कर्ज माफी का नोटीफिकेशन सितम्बर से पहले क्यों नहीं जारी किया?
कालिया ने कहा कि किसान कर्ज माफी के ड्राफ्ट नोटीफिकेशन को कैबिनेट बैठक में स्वीकृति, चुनाव आयोग की तरफ से गुरदासपुर उप चुनाव की घोषणा व आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद जानबूझ कर दी गई। यह सभी को पता ही है कि चुनाव आयोग इसे सहमति नहीं देगा। यह भी एक तरह से किसान कर्ज माफी के मामले को लटकाने का तरीका है। उन्होंने कहा कि किसान कर्ज माफी की स्कीम के तहत, सभी उपायुक्त अपने जिलों में पहले जिन किसानों के कर्जे माफ होने हैं, उनकी सूची बनाएंगे।
पहले पंजाब प्रदेश के सहकारिता बैंकों के कर्जों की माफी होगी। फिर सरकारी वाणिज्य बैंक लिए जाएंगे। उसके बाद निजी बैंकों का नंबर आएगा। कालिया ने कहा कि अगर एक परिवार में एक से ज्यादा व्यक्तियों ने फसली कर्जे लिया हुआ है तो सिर्फ 2 लाख रुपए तक का कर्जा माफ होगा। इसका मतलब किसान कर्जे माफी की सारी प्रक्रिया पूरी होते-होते 3-4 साल लग जाएंगे, क्योंकि 2017-18 कि बजट में किसान कर्जे माफी के लिए सिर्फ 1500 करोड़ रुपए रखे हैं जबकि पूरे किसान कर्जे माफी की राशि 20,000 करोड़ रुपए बनती है।
कालिया ने कहा कि 2 लाख रुपए तक की फसल कर्जा माफी प्रति किसान परिवार है न कि प्रति किसान के लिए जबकि किसान कर्जा माफी पालिसी की सैद्धांतिक तौर पर कैबिनेट की तरफ से स्वीकृति दी गई हो और बजट में भी इसका प्रावधान किया गया हो तो संबंधित विभाग द्वारा किसान कर्जा माफी का नोटीफिकेशन सीधे तौर पर कर देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कर्जे माफी के ड्राफ्ट नोटीफिकेशन को कैबिनेट द्वारा स्वीकृति देने का कोई औचित्य नहीं बनता। कालिया ने कहा कि कैबिनेट द्वारा ड्राफ्ट नोटीफिकेशन को स्वीकृ ति देने की प्रक्रिया असल में गुरदासपुर उप चुनाव के वोटरों की आंखों में धूल झोंकने के इरादे से की गई है ताकि उप चुनाव में वोटरों को यह कहा जा सके किसान फसल कर्जा माफ हो गया है।