केबल कनैक्शनों का सही आंकड़ा जुटाने के लिए होगा डोर टू डोर सर्वे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jul, 2017 02:16 PM

door to door survey

फास्ट वे केबल कंपनी पर हजारों करोड़ का टैक्स चोरी करने बारे लगाए आरोपों को साबित करने के लिए लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू द्वारा

लुधियाना (हितेश): फास्ट वे केबल कंपनी पर हजारों करोड़ का टैक्स चोरी करने बारे लगाए आरोपों को साबित करने के लिए लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। जिसके तहत अब केबल कनैक्शनों की सही जानकारी जुटाने के लिए डोर टू डोर सर्वे करने के आदेश नगर निगम अफसरों को मिल गए हैं। सिद्धू ने केबल कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है जिन्होंने पहले अंडर ग्राऊंड केबल डालने के लिए बिना मंजूरी खुदाई करने, बिजली व स्ट्रीट लाइटों के खंभों पर मुफ्त में तारें डालने तथा मनोरंजन व सर्विस टैक्स के रूप में करीब 800 करोड़ की चोरी का आरोप लगाया। जिसे कंपनी ने झुठलाने की कोशिश की और सिद्धू को सरकार का समर्थन मिलने की जगह सी.एम. के हवाले से 2 बार परस्पर विरोधी बयान आ गए।

इस हालात में खुद को साबित करने के लिए सिद्धू ने सर्विस टैक्स के रिटायर अफसर को साथ बिठाकर की प्रैस कांफ्रैंस में कंपनी पर हजारों करोड़ के टैक्स की चोरी का आरोप लगा दिया। जिसमें यह मुद्दा उठाया कि आप्रेटरों से सर्विस टैक्स लेकर आगे सरकार को नहीं दिया जा रहा और लोगों से सर्विस टैक्स न वसूलने का ठीकरा आप्रेटरों पर फोड़ा गया है। इसके अलावा कंपनी पर कनैक्शनों की सही जानकारी न देने का आरोप भी लगाया गया। जिसके सैट टॉप बाक्स विदेश से मंगवाने के बदले भी टैक्स न देने का मुद्दा उठ चुका है। जिसे पुख्ता बनाने के लिए सिद्धू ने लोगों के घरों में लगे केबल कनैक्शनों का सही आंकड़ा जुटाने के लिए डोर टू डोर सर्वे करवाने का फैसला किया है। निगम ने कंपनी से कनैक्शनों की लिस्ट मंगवा ली है। जिनकी करीब 500 आप्रेटरों से क्रास चैकिंग का जिम्मा सैनेटरी इंस्पैक्टरों को दिया गया है। इस प्रक्रिया में कंपनी से अटैच आप्रेटर तो निगम को वही सूचना देंगे, जो पहले से उनके पास है। इसके मद्देनजर आगे चलकर डोर टू डोर सर्वे के तहत लोगों के घरों में लगे केबल कनैक्शनों का डाटा जुटाया जाएगा, क्योंकि पहले एक घर में सिंगल वायर जाने से ही सारे टी.वी. चल जाते थे और अब हरेक टी.वी. के लिए अलग से सैट टॉप बाक्स की जरूरत है।

केबल व मोबाइल कंपनियों पर गिरी एक और गाज
सिद्धू ने जो मोबाइल व केबल कंपनियों पर अंडर ग्राऊंड तारें बिछाने के लिए बिना मंजूरी सड़कें खोदने का आरोप लगाया है। उस पर अगली कार्रवाई करने के लिए नगर निगमों से पिछले समय दौरान रोड कंटिंग संबंधी दी गई मंजूरी का बयौरा मांगा जा चुका है। जिसमें मंजूरी से संबंधित मामलों में ही कई सौ करोड़ का बकाया निकलने पर परेशान कंपनियों की चिंता अभी कम नहीं हुई थी। उन पर सिद्धू की एक और गाज गिर गई है। उसके तहत रोड कंटिंग 3 गुणा बढ़ा दी गई है।इस संबंधी सिद्धू के हवाले से जारी आदेशों में चीफ इंजीनियर ने बताया है कि रोड कटिंग बारे रेट 1998 में तय किए गए थे। उसके बाद अब तक सड़कें, गलियां बनाने में प्रयुक्त होने वाले मैटीरियल की लागत व लेबर का खर्च करीब 3 गुणा बढ़ गया है। उसके मद्देनजर 19 साल पहले व अब के.सी.एस.आर. रेटों का मूल्यांकन करके नए रेट जारी कर दिए गए हैं। जिनको महंगाई बढऩे के अनुपात को ध्यान में रखकर हर साल 10 फीसदी का इजाफा भी किया जाएगा। 

जनता पर भी बढ़ेगा बोझ
सरकार के इस फैसले से केबल या मोबाइल कंपनियों के साथ जनता पर भी बोझ बढ़ेगा, क्योंकि पानी-सीवरेज का कनैक्शन लेते समय लोगों से जो रोड कटिंग की वसूली की जाती थी। वो भी 1998 के टैरिफ पर हो रही थी। वो भी अब 3 गुणा हो गई है।

नई सड़कों के होंगे दोगुने चार्जिस
सरकार ने अपने आदेशों में साफ कहा है कि उक्त साल पहले बनी सड़कों पर रोड कटिंग की मंजूरी देने में गुरेज किया जाए। अगर कहीं जरूरी हो तो नई तय दरों से दोगुनी फीस की वसूली की जाएगी।


 

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