Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Aug, 2017 10:59 AM
भूगौलिक दृष्टि से बेहद सुंदर व साफ-सुथरी आबो-हवा वाले विधानसभा क्षेत्र गढ़शंकर में पिछले 3 दशक से अब तक एक भी कारखाने .......
गढ़शंकर (शौरी): भूगौलिक दृष्टि से बेहद सुंदर व साफ-सुथरी आबो-हवा वाले विधानसभा क्षेत्र गढ़शंकर में पिछले 3 दशक से अब तक एक भी कारखाने का यहां न लग पाना तमाम सरकारों की यहां के नौजवानों के प्रति उनकी सोच का नमूना है। कोई कारखाना न लगने से पढ़े-लिखे युवक विदेशों में रोजगार की तलाश करते हैं जो नहीं जा पाते वे अपनी योग्यता अनुसार प्राइवेट सैक्टर में भी नौकरी लेने में विफल रहते हैं व मजबूरी वश मजदूरी करने को विवश रहते हैं।
जब-जब चुनाव आते हैं तो हर पार्टी का मुख्य एजैंडा रहता है, युवकों के मामले पहल के आधार पर हल करने का। पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने बेरोजगार नौजवानों को 1000 रुपए मासिक भत्ता देने की घोषणा की थी (चुनावी घोषणा पत्र में)। यह भत्ता किस को दिया यह बात इस गठबंधन के नेता लोगों को पता होगा। रही बात युवकों की तो हमें तो किसी ने बताया नहीं कि उसे पिछली सरकार के कार्यकाल दौरान यह भत्ता मिला था।
तब की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस मामले को यदि ठीक ढंग से उठा लेती तो शायद हाल ही में हुए चुनाव में तीसरे स्थान पर न आती। युवकों के मामले की सही पैरवी न कर पाने से युवकों का कांग्रेस की तरफ झुकाव नहीं बन पाया व जिस पार्टी ने प्रदेश में सरकार कायम की वह इस सीट पर पिछड़ गई।
खैर! यदि कांग्रेस अब भी यहां के नौजवानों के लिए कुछ कर दिखाए तो हृदय परिवर्तन को समय नहीं लगेगा व इसका प्रमाण लोकसभा नतीजों में जग-जाहिर हो जाएगा पर इसके लिए नौजवानों के लिए काम करना पड़ेगा न कि मात्र बयानों के सहारे समय काटने से काम चलेगा। गढ़शंकर में कारखाने लगाने के लिए बहुत ज्यादा उपयुक्त जगह व संसाधन हैं। जरूरत है राजनीतिक इच्छाशक्ति की व काम कर दिखाने के जज्बे की।
राजनीतिक दल अपनी ताकत के लिए युवा वर्ग को जोड़ते
हर राजनीतिक दल नौजवानों पर सदैव निर्भर रहता है, तमाम पाॢटयों के यूथ विंग कायम करना शायद इसलिए जरूरी होता है कि उनकी वोट ली जा सके। रही बात उनके रोजगार की तो यदि ऐसी सोच होती तो शायद 10+2 करने के पश्चात जैसे तैसे विदेश जाने की ललक अब तक रुक जाती। पर ऐसा हो नहीं रहा व हर चुनाव के 6 माह पश्चात ही युवा वर्ग खुदा को ठगा सा महसूस करता है।
क्या कहना है लोगों का
युवा वर्ग को कैसी शिक्षा लेनी चाहिए, कौन सा कोर्स करना चाहिए, कौन-कौन सी सरकारी सहायता शिक्षा में युवकों को मिल रही है ऐसी अनेकों जानकारियां हैं जो विद्यार्थी वर्ग को समय पर नहीं मिलतीं जिसके लिए सीधे तौर पर सिस्टम जिम्मेदार है। सही मार्गदर्शन न होने के कारण रोजगार युवकों को मिलता नहीं व वे बुरी संगत का शिकार हो जाते हैं जो आगे चल कर असामाजिक तत्वों के संपर्क में आ जाते हैं।