रेल यात्री को कुत्ते ने काटा,इलाज मांगा तो अधिकारियों ने दी प्रभु को ट्वीट करने की नसीहत

Edited By Updated: 17 May, 2017 12:52 PM

dog cut train passenger

यात्रा के दौरान रेलयात्रियों हर सुविधा देने का दावा करने वाले रेलमंत्री सुरेश प्रभु के दावों की हवा उनके अपने ही अधिकारी निकाल रहे हैं।

फरीदकोटः  यात्रा के दौरान रेलयात्रियों हर सुविधा देने का दावा करने वाले रेलमंत्री सुरेश प्रभु के दावों की हवा उनके अपने ही अधिकारी निकाल रहे हैं। 24 घंटे से अधिक की यात्रा अवधि के दौरान बार-बार सूचित किए जाने के बाद भी रेलवे अधिकारी कोच तक मैडीकल सुविधा पहुंचाने की जहमत नहीं उठा पाए। 
 
पीड़ित प्रदीप निवासी फरीदकोट न्यू कैंट रोड ने बताया कि उसे फैजाबाद से फिरोजपुर कैंट रेलवे स्टेशन तक यात्रा करनी थी, 12 मई को फैजाबाद रेलवे स्टेशन पर गंगा सतलुज एक्सप्रैस में चढ़ते समय उसे एक कुत्ते ने पैर में काट लिया। इसके बाद प्रदीप ने इसकी सूचना तुरंत एसी कोच के हेड कंडक्टर को दी, इसपर कंडक्टर ने उसका उपचार लखनऊ पहुंचने पर होने की बात कही। लखनऊ में आए डाक्टर ने कहा कि उनके पास कुत्ते के काटने का उपचार नहीं है, आगे बरेली या मुरादाबाद में उसका उपचार हो जाएगा। मुरादाबाद में भी जब उपचार के लिए कोई डाक्टर नहीं आया तो फिर पीड़ित ने इसकी शिकायत हैड कंडक्टर से की लेकिन फिर कंडक्टर ने अंबाला में उपचार होने की बात कहकर यात्री की बात टाल दी  लेकिन, अंबाला में भी जब कोई मैडीकल सुविधा नहीं मिली तो यात्री को बताया गया कि फिरोजपुर कैंट रेलवे स्टेशन पर गाड़ी के पहुंचने पर डाक्टर की टीम उपचार करेगी।


फिरोजपुर कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद यात्री ने एक घंटे तक उपचार के लिए इंतजार किया लेकिन उसे निराशा ही हाथ लगी वहां भी कोई डाक्टर उपचार के लिए नहीं आया। जब यात्री ने इस संबंध में विभाग में पता किया तो उसे बताया गया कि फिरोजपुर मंडल अस्पताल को इस संबंध में कोई मैसेज ही नहीं मिला, जबकि यात्रा अवधि में पीड़ित यात्री को यहीं बताया जाता रहा कि कंट्रोल को मैसेज भेज दिया गया है। पीड़ित यात्री ने जब इस संबंध में रेलवे अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई गई तो उसे बताया गया कि यात्रा अवधि के दौरान अगर उसने रेलमंत्री को ट्वीट किया होता तो उपचार यात्रा के दौरान ही हो गया होता। यहीं नहीं शिकायत दर्ज कराए जाने के दौरान अधिकारियों कहा गया कि कुत्ते के काटे जाने का जब तक कोई गवाह नहीं होगा, तब तक उसकी शिकायत नहीं दर्ज हो सकती।

 
 पीड़ित प्रदीप ने कहा कि विशाल सांगठनिक ढांचे वाली भारतीय रेलवे देशवासियों को बुलेट ट्रेन का सपना दिखा रही है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे के पास कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि जब एसी कोच के यात्रियों को रेलवे सुविधा मुहैया नहीं करवा पा रहा है तो जनरल कोच में यात्रा के दौरान यदि कोई यात्री पीड़ित होता है तो उसकी कौन सुनेगा।
 

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