Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Aug, 2017 10:50 AM
सरकारी अस्पताल में प्रसूता की प्रसव के 2 दिन बाद इलाज के दौरान हुई मौत को लेकर मृतका के परिजनों द्वारा सरकारी अस्पताल के डाक्टरों
अबोहर (रहेजा): सरकारी अस्पताल में प्रसूता की प्रसव के 2 दिन बाद इलाज के दौरान हुई मौत को लेकर मृतका के परिजनों द्वारा सरकारी अस्पताल के डाक्टरों व स्टाफ के खिलाफ लगाया जा रहा धरना आज दूसरे दिन भी जारी है, वहीं सिविल अस्पताल के डाक्टर व स्टाफ भी आए दिन होने वाले विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ धरना लगाकर बैठे हुए हैं। सिविल सर्जन द्वारा डाक्टरों को धरना उठवाने का प्रयास भी किसी काम नहीं आ रहा। उधर अबोहर के साथ-साथ फाजिल्का, सीतो गुन्नो, खुईखेड़ा के सरकारी अस्पतालों में भी डाक्टरों ने हड़ताल कर दी है, जिससे सैंकड़ों मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ये यूनियनें दे रही हैं समर्थन
अस्पताल में डाक्टरों के खिलाफ लगाए जा रहे धरने के दौरान मृतका के परिजनों को अभी तक इंसाफ न मिलने पर उन्होंंने संघर्ष को तेज करते हुए अस्पताल में टैंट लगाकर स्थायी धरना शुरू कर दिया है, जिसमें देहाती मजदूर सभा, जम्हूरी किसान सभा, पंजाब निर्माण मजूदर यूनियन, पी.डब्ल्यू.डी. फील्ड एंड वर्कशॉप यूनियन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, सी.पी.आई.एम., टी.एस.यू., टैक्रीकल एंड मैकेनिकल यूनियन, इंकलाबी लोक मोर्चा के सदस्य मृतक के परिजनों को अपना पूरा समर्थन दे रहे हैं।
इंसाफ के बिना नहीं उठाएंगे धरना
धरने के दौरान वक्ताओं ने कहा कि 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस एवं सिविल प्रशासन द्वारा उनको इंसाफ नहीं दिया जा रहा। जन्म लेने के कुछ घंटों के बाद ही जिस बच्ची के सिर से डाक्टरी स्टाफ की लापरवाही के चलते मां का साया छिन गया है उसके लिए उन्हें इंसाफ चाहिए। जब तक उन्हें इसाफ नहीं मिल जाता वे अपना धरना जारी रखेंगें, चाहे इसके लिए उन्हें अस्पताल में कितने ही दिन क्यों न बैठना पड़ा। गत रात्रि करीब 2 बजे तक प्रशासनिक अधिकारी इस मामले की जांच में बैठे रहे हैं लेकिन वीरवार सायं तक किसी अधिकारी ने उन्हें न्याय नहीं दिया।
पूरे जिले में स्वास्थ्य सेवाएं कीं बंद
सरकारी अस्पताल में धरने पर बैठे डाक्टरों एवं स्टाफ के समर्थन में पूरे जिले भर के सरकारी डाक्टरों व स्टाफ ने अपना कामकाज बंद कर दिया। धरने पर बैठे डाक्टरों ने कहा कि जब तक पीड़िता के परिजनों का धरना नहीं उठाया जाता तब तक उनका धरना भी जारी रहेगा। डाक्टरों ने कहा कि प्रसूूता की मौत का अफसोस उन्हें भी है क्योंकि कोई भी डाक्टर यह नहीं चाहता कि उसके हाथों से किसी मरीज की मौत हो। सरकार द्वारा अस्पताल में डाक्टरों की रिक्त पोस्टें न भरे जाने से अस्पताल में डाक्टरों की कमी का खमियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।