Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Nov, 2017 03:10 AM
नगर निगम कार्यालय रणजीत एवेन्यू स्वास्थ्य विभाग में सुपरिंटैंडैंट और क्लर्क के बीच जमकर बहस हुई। दोपहर को स्वास्थ्य विभाग में क्लर्क राकेश कुमार कर्मचारियों के काम करने के लिए आया तो सुपरिंटैंडैंट जतिन्द्र सिंह ने उसे कहा कि तुम यहां के क्लर्क नहीं...
अमृतसर(रमन): नगर निगम कार्यालय रणजीत एवेन्यू स्वास्थ्य विभाग में सुपरिंटैंडैंट और क्लर्क के बीच जमकर बहस हुई। दोपहर को स्वास्थ्य विभाग में क्लर्क राकेश कुमार कर्मचारियों के काम करने के लिए आया तो सुपरिंटैंडैंट जतिन्द्र सिंह ने उसे कहा कि तुम यहां के क्लर्क नहीं हो और यहां पर न आया करो।
इस पर क्लर्क ने सुपरिंटैंडैंट के साथ जमकर बहस की व कहा कि ‘तू जो करना ओ कर मैं नी जाना एत्थों’। इसके बाद क्लर्क सीधा स्वास्थ्य अधिकारी डा. राजू चौहान के आफिस में चला गया व वापिस आकर फिर से काम करने लगा। सुपरिंटैंडैंट जतिन्द्र सिंह ने बताया कि उक्त क्लर्क किसी केस में जेल जा चुका है व विभाग ने इसे सस्पैंड किया हुआ है। इसको लेकर उसकी शिकायत स्वास्थ्य अधिकारी एवं ज्वाइंट कमिश्नर को भी कर दी गई थी लेकिन उक्त क्लर्क हर रोज यहां पर आकर काम करता है। आज जब उन्होंने उसे यहां से जाने के लिए कहा तो उसने जाने से इंकार किया, इसलिए उससे थोड़ी बहस हो गई।
स्वास्थ्य विभाग में क्लर्कों की कार्य-प्रणाली पर खड़े होते रहे हैं सवाल
स्वास्थ्य विभाग में हमेशा क्लर्कों की कार्य-प्रणाली पर सवाल खड़े होते रहे हैं, चाहे वह कर्मचारियों का वेतन हो, डैथ केस या अन्य कोई फाइल गुम होने के मुद्दे निगम अधिकारियों के पास पहुंचते हैं लेकिन कोई कुछ नहीं कर पाता है। क्लर्क राकेश कुमार अपनी मर्जी से आता है और लोगों के काम कर चला जाता है। उसे रोकने टोकने वाला कोई नहीं है। जब सुपरिंटैंडैंट द्वारा उसे रोका गया तो उसने उसे साफ इंकार कर दिया और विभाग में काम करता रहा। आखिर किस के कहने से हर रोज उक्त क्लर्क काम कर रहा है।
मेरे पास कोई ऐसा मामला नहीं है। राकेश कुमार
हमारे पास कोई क्लर्क नहीं है और न ही उस पर केस होने के बारे में पता है। -डा. राजू चौहान, स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम।
इस मामले बारे आप के द्वारा ही मुझे पता चला है। अभी पता करवाता हूं।- सौरभ अरोड़ा, ज्वाइंट कमिश्नर नगर निगम।