Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Oct, 2017 11:21 AM
रोशनियों के त्यौहार दीपावली का प्रत्येक वर्ग को इंतजार रहता है। चारों और अंधेरे को मिटाती दीयों की रोशनी में हंसी-खुशी का माहौल, पटाखों की गूंज और अपनों का प्यार तो नजर आता है लेकिन पटाखों के बढ़ते चलन के साथ युवाओं में पटाखे चलाने की स्पर्धाएं आपके...
जलालाबाद(गुलशन): रोशनियों के त्यौहार दीपावली का प्रत्येक वर्ग को इंतजार रहता है। चारों और अंधेरे को मिटाती दीयों की रोशनी में हंसी-खुशी का माहौल, पटाखों की गूंज और अपनों का प्यार तो नजर आता है लेकिन पटाखों के बढ़ते चलन के साथ युवाओं में पटाखे चलाने की स्पर्धाएं आपके जीवन में अंधेरा कर सकती हैं।
5,000 लोग हर साल गंवा बैठते हैं आंखों की रोशनी
हालांकि बिना पटाखे दीवाली सूनी लगती है लेकिन पटाखे जलाने के दौरान बरती गई थोड़ी सी असावधानी जानलेवा साबित हो सकती है। एक अनुमान के अनुसार दीपावली के दिन लाखों लोग आग की चपेट में आकर गंभीर या मामूली रूप से झुलस जाते हैं। पटाखों में मौजूद विस्फोटकों से लगभग 5,000 लोग हर साल अपनी आंखों की रोशनी गंवा बैठते हैं जिनमें से 80 प्रतिशत पुरुष होते हैं। पटाखों में कई हानिकारक गैसों के साथ-साथ कॉपर, लैड, कैडमियम, जिंक, सोडियम, पोटाशियम, मैगनीज जैसे भारी तत्वों के छोटे-छोटे कण होते हैं जो हवा में घुलकर उसे जहरीला बना देते हैं। सांस के साथ ये तत्व फेफड़ों में चले जाते हैं जिससे अस्थमा के रोगियों को परेशानी होती है। इन कारणों से अस्थमा अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। सावधानी और समझदारी अपनाकर आप दुर्घटनाओं से बच सकते हैं। इसलिए पटाखे चलाते समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
पटाखे चलाते समय बरतें ये सावधानियां
- 2 से अढ़ाई फुट की दूरी से पटाखे चलाएं।
- अनार को माचिस से न जलाएं।
- ढीले कपड़े न पहनें।
- बच्चों को निगरानी में पटाखे चलाने दें।
- पानी की बाल्टी पटाखों के स्थान पर रखें।
- खुले स्थान पर जाने की बजाय घर में ही रहें।
- धुएं से बचने के लिए खिड़की-दरवाजे बंद रखें। संभव हो तो मुंह और नाक को कपड़े से ढक लें।
- बाहर निकलना जरूरी हो तो एन-95 मास्क का प्रयोग करें।
- जरूरत पडऩे पर चिकित्सक की सलाह लें।
ये करें उपाय
- आंखों में जलन होने पर ठंडे पानी से धोएं।
- आंखों को मसले नहीं।
- त्वचा जलने पर बर्फ रगड़े।
- सांस के रोगी मास्क लगाकर निकलें।
-कान में रूई लगा सकते हैं।