Edited By Updated: 19 Feb, 2017 03:45 PM
एक ओर जहां अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायतों पर स्वयं जिला सिविल सर्जन ने अस्पताल में पहुंचकर अस्पताल के डाक्टरों व नर्सों को कड़े निर्देश दिए थे कि किसी भी कर्मचारी ने अगर मरीज से किसी प्रकार की रिश्वत ली तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई...
अबोहर (भारद्वाज, रहेजा): एक ओर जहां अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायतों पर स्वयं जिला सिविल सर्जन ने अस्पताल में पहुंचकर अस्पताल के डाक्टरों व नर्सों को कड़े निर्देश दिए थे कि किसी भी कर्मचारी ने अगर मरीज से किसी प्रकार की रिश्वत ली तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, इसके बावजूद भी अस्पताल के कुछ कर्मचारियों द्वारा डिलीवरी केसों में प्रसूताओं के परिजनों से रुपए वसूलने का कार्य निर्बाद्ध रूप से जारी है। इस कड़ी में एक अस्पताल की एक स्टाफ नर्स ने एक दिव्यांग दंपति से डिलीवरी केस के लिए 1000 रुपए की रिश्वत दाई के माध्यम से वसूल की। इस घटना का पता चलने पर उक्त रुपए नर्स ने पीड़ित परिवार को देर रात्रि वापस कर दिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव बकायन वाला निवासी दिव्यांग सतनाम सिंह ने बताया कि गत रात्रि वह अपनी दिव्यांग पत्नी सोमा रानी को प्रसव के लिए गांव की दाई जसवंत कौर के माध्यम से अस्पताल में लाया था। आरोपानुसार आप्रेशन थिएटर में तैनात अस्पताल की एक नर्स ने उसकी 7 माह की गर्भवती पत्नी के प्रसव के लिए दाई के माध्यम से 4 हजार रुपए की मांग की, लेकिन असमर्थता जताए जाने पर उसने 2,500 रुपए देने की बात मान ली, जिसके चलते उन्होंने दाई को 1000 रुपए एडवांस में दे दिए।
दाई जसवंत कौर ने उक्त रुपए नर्स को दे दिए और उसके बाद उसने उसकी पत्नी का आप्रेशन शुरू किया। सतनाम सिंह ने बताया कि रुपए कम होने के कारण उसने अपने गांव में अपने रिश्तेदारों सुखदेव सिंह व मलकीत सिंह को फोन किया कि वे उनको अस्पताल में आकर रुपए दे जाएं। जब रिश्तेदारों ने अस्पताल में पहुंचकर सतनाम सिंह से पूछा कि अस्पताल में प्रसव तो फ्री होता है फिर रुपयों की क्या जरूरत पड़ गई तो रिश्तेदारों को गर्म होते देख उक्त नर्स ने सतनाम सिंह को 1000 रुपए वापस लौटा दिए। दिव्यांग परिवार पहले तो रुपयों की असमर्थता के कारण परेशान था और उन पर कुछ ही देर बार फिर से उस समय कहर टूटा जब नवजन्मी 7 माह की बच्ची की जन्म के कुछ समय बाद ही मौत हो गई। इस घटना का पता चलने पर नर सेवा नारायण सेवा समिति के प्रधान राजू चराया ने अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार की कड़ी निंदा करते हुए नर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
उधर, आरोपित नर्स ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह 1000 रुपए उसने उस दाई से लिए जरूर थे ताकि वह दाई स्वयं हेरफेर न कर ले। उन्होंने दाई से रुपए पकडने की बात मानकर इसे स्वयं भी गलत बताया और भविष्य में ऐसा न करने का प्रण लिया। इस घटना संबंधी सिविल सर्जन डा. सुरेन्द्र ने कहा कि सोमवार तक वह उक्त नर्स के खिलाफ बनती कार्रवाई करेंगे। पीड़ित परिवार ने उक्त घटनाक्रम की लिखित शिकायत व वीडियो मीडिया कर्मियों को सौंप दी ताकि अस्पताल में भ्रष्टाचार फैलाकर गरीबों से रुपए वसूलने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।