Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Dec, 2017 09:02 AM
जिला परिषद सदस्य व अकाली नेता भगवान सिंह भाना पर जानलेवा हमला करने वाले लुटेरे निकले तथा उनके द्वारा जाली करंसी भी छापी जाती थी। पुलिस ने 5 व्यक्तियों को गिरफ्तार करके एक कार, 20 हजार 800 रुपए की जाली करंसी, एक बंदूक,3 एयर पिस्टल, नोट छापने वाली...
बरनाला (विवेक सिंधवानी, गोयल): जिला परिषद सदस्य व अकाली नेता भगवान सिंह भाना पर जानलेवा हमला करने वाले लुटेरे निकले तथा उनके द्वारा जाली करंसी भी छापी जाती थी। पुलिस ने 5 व्यक्तियों को गिरफ्तार करके एक कार, 20 हजार 800 रुपए की जाली करंसी, एक बंदूक,3 एयर पिस्टल, नोट छापने वाली मशीन तथा जिन्दा कारतूस बरामद किए।
जिला परिषद के मैंबर की पिस्तौल छीनने के लिए किया था हमला
प्रैस कान्फ्रैंस में जानकारी देते हुए एस.एस.पी. हरजीत सिंह ने बताया कि गांव मौड़ नाभा के नजदीक 15 दिसम्बर को कार सवार व्यक्तियों ने जिला परिषद के मैंबर भाना पर कातिलाना हमला किया था। उनको फायर कर घायल भी कर दिया था। उस मामले के संबंध में पुलिस ने केस दर्ज किया हुआ था। आज सी.आई.ए. स्टाफ के इंचार्ज बलजीत सिंह ने शैहणा के नजदीक नाका लगाया हुआ था कि 1 कार पर 5 व्यक्ति आते दिखाई दिए।
तलाशी लेने पर कार में से भारी असला बरामद हुआ। पुलिस ने कार सवार पांचों व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान हरप्रीत दास उर्फ हैरी पुत्र ज्ञान चंद, राजविन्दर सिंह उर्फ राजू पुत्र मलकीत सिंह, नरेश कुमार उर्फ पप्पी पुत्र अमृत लाल वासीयान शैहणा, दलजीत सिंह उर्फ हैप्पी पुत्र राज सिंह वासी संधू कलां, हरदीप कुमार उर्फ बबलू पुत्र सुखदेव राम निवासी तपा के तौर पर हुई। इनमें से हरप्रीत दास, नरेश कुमार तथा दलजीत सिंह ने भाना पर हमला किया था। पूछताछ में इन्होंने बताया कि भाना पर हमला उनकी पिस्तौल छीनने के लिए ही किया गया था, परंतु जब उन्होंने जवाबी फायरिंग की तो वे वहां से भाग खड़े हुए।
गिरोह बनाकर लूटपाट की घटनाओं को देते थे अंजाम
डी.एस.पी. (डी.) कुलदीप सिंह विर्क ने बताया यह पांचों व्यक्ति एक गिरोह बनाकार लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देते थे। पूछताछ में इन्होंने बताया कि बरनाला में दशहरे वाले दिन उन्होंने एक मोबाइल छीना, जिला मानसा के रल्ला गांव में एक स्विफ्ट कार तथा सोने की बालियां छीनी, बठिंडा जिला के भुच्चो में उन्होंने एक कार तथा सोने की बालियां छीनीं। ये लोग कार में सवार होकर लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देते थे। इनके निशाने में ज्यादातर बुजुर्ग महिलाएं होती थीं।