Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Jul, 2017 03:57 PM
पंजाब विधान सभा में विपक्षी दल के नेता की कुर्सी खाली होने की चर्चा के साथ ही नए नेता की नियुक्ति को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी में इसके लिए आम राय बनाने को लेकर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
चंडीगढ़: पंजाब विधान सभा में विपक्षी दल के नेता की कुर्सी खाली होने की चर्चा के साथ ही नए नेता की नियुक्ति को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी में इसके लिए आम राय बनाने को लेकर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
पार्टी के पंजाब इकाई के नेताओं की चर्चा में दो प्रमुख नाम उभर कर सामने आ रहे हैंं। इनमें भुलत्थ से विधायक सुखपाल खैहरा तथा सुनाम से पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा शामिल हैं।इन दोनों नामों में से एकपर सहमति बनाने के लिए पार्टी द्वारा विचार-विमर्श किया जा रहा है।
विरोधी पक्ष के नए नेता के लिए तेज तर्रार होने के साथ-साथ अरविंद केजरीवाल का भरोसेमंद होना भी ज़रूरी है। सुखपाल खैहरा पार्टी के तेज तर्रार नेता हैं। उनकी छवि बादल परिवार पर बयानबाजी के कारण एक लड़ाकू नेता वाली बनी हुई है। मौजूदा सरकार में भी सुखपाल खैहरा ही आम आदमी पार्टी के ऐसे नेता हैं जो अलग -अलग मुद्दों पर न सिर्फ पार्टी का स्टैंड मीडिया में रख रहे हैं बल्कि सरकार की नाकामियों और तथा राजनीतिक मुद्दों को भी गंभीरता के साथ उठा रहे हैं। लिहाजा उनके नाम की चर्चा शुरू हो गई है।
अमन अरोड़ा क्यों?
आम आदमी पार्टी के बारे में यह धारणा है कि वह कट्टर सिख समर्थकों की पार्टी है। इसी धारणा ने'आप' को सत्ता में पहुंचने से रोक लिया था। पंजाब के सभी हिंदु बहुसंख्यक वाले बड़े शहरों में पार्टी के उम्मीदवारों की जमानते जब्त हो गई थी। भाजपा का हिंदु वोट आम आदमी पार्टी की तरफ जाने की बजाए कांग्रेस की तरफ चला गया। इस कारण कांग्रेस को ऐतिहासिक तौर पर बंपर बहुमत मिला।
आगामी कुछ माह में पंजाब के जालंधर, लुधियाना, अमृतसर और पटियाला की नगर -निगम मतदान के इलावा नगर कौंसिल मतदान भी होने जा रहे हैं। राजनीतिक माहिरों का मानना है कि पार्टी शहरी हिंदु वोटरों को लुभाने के लिए हिंदु चेहरे को विधानसभा में विरोधी पक्ष का नेता बना सकती है। पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह तथा विरोधी पार्टी अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल भी जाट सिख है।
यहांं तक कि पंजाब सरकार की कैबिनेट में भी हिंदु चेहरों की कमी है।लिहाजा पार्टी सदन में हिंदु चेहरे को उभारने के लिए अमन अरोड़ा को पार्टी का नया नेता बनाने का दांव खेल सकती है। अमन अरोड़ा का पृष्ठभूमि कांग्रेसी है। वह अरोड़ा एच. एस. फुल्का के मुकाबले ज्यादा राजनीतिक समझ भी रखते हैं। इसका उनको फायदा मिल सकता है।