Edited By Updated: 24 Feb, 2017 08:57 AM
सरकार द्वारा भारत को स्वच्छ बनाने के लिए चलाई गई मुहिम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस मुहिम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के प्रोग्राम स्कूलों में करवाए जा रहे हैं
जालंधर (सुमित): सरकार द्वारा भारत को स्वच्छ बनाने के लिए चलाई गई मुहिम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस मुहिम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के प्रोग्राम स्कूलों में करवाए जा रहे हैं, जिनमें छात्रों के साथ-साथ स्टाफ सदस्य भी शामिल होते हैं और अपने आसपास को स्वच्छ रखने का प्रण लेते हैं, परंतु वास्तव में स्वच्छ भारत के प्रति ये विद्यार्थी या स्टाफ सदस्य कितने गम्भीर हैं इसका अंदाजा मिट्ठू बस्ती स्थित सरकारी स्कूल के टॉयलेट टायलेट को देखकर ही लगाया जा सकता है। इस स्कूल में गंदगी का आलम है। इस स्कूल के टायलेट में गंदगी इस तरह फैली हुई है कि अच्छा भला इंसान बीमार पड़ जाए। अगर देखा जाए तो सरकार द्वारा स्कूलों में बाथरूम बनाने या टॉयलेट की रिपेयर करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने के दावे किए जाते हैं।
सरकार इस बात का भी दम भरती है कि पंजाब के सभी स्कूलों में टॉयलेट बन चुके हैं परंतु इस बात का ध्यान कौन रखेगा कि स्कूलों में बने टॉयलेट का रख-रखाव ठीक ढंग से हो रहा है या नहीं। इस बस्ती स्कूल की बात करें तो वहां जनरल टॉयलेट में बुरे हालात थे जबकि स्टाफ का टॉयलेट पूरी तरह साफ था। उस पर ताला लगा कर रखा गया है। स्कूली छात्रों का कहना था कि वे तो स्कूल के इस गंदे टॉयलेट में जाने से कतराते हैं परन्तु मजबूरी में अगर जाना पड़े तो बहुत परेशानी होती है। छात्रों का कहना था कि यह एक गम्भीर समस्या है, इसलिए स्कल प्रबंधकों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
3 महीने से खाली है प्रिंसीपल का पद
सरकारी स्कूल मिट्ठू बस्ती, जो पहले हाई स्कूल था और करीब 3 माह पहले ही अपग्रेड होकर सीनियर सैकेंडरी स्कूल बना है, को अभी तक प्रिंसीपल नहीं मिला है, जिस कारण स्कूल में क्या हो रहा है उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा हालांकि इस स्कूल का अडीशनल चार्ज पास में स्थित मैरीटोरियस स्कूल के प्रिंसीपल को दिया गया है परन्तु मैरीटोरियस स्कूल में अधिक व्यस्तता के चलते वह भी इस स्कूल में ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते।
क्या कहते हैं जिला शिक्षा अधिकारी
इस संबंध में जब जिला शिक्षा अधिकारी हरिन्द्रपाल सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कुछ स्कूलों में स्वीपर है, कहीं पोस्ट खाली भी है परन्तु फिर भी साफ सफाई की जिम्मेदारी स्कूल स्तर पर होती है। उन्होंने कहा कि वह इस बारे जांच करेंगे कि टॉयलेट में इतनी गंदगी क्यों फैली है?