Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Aug, 2017 11:57 AM
शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा चलाए जा रहे श्री गुरु रामदास अस्पताल वल्ला द्वारा जीवित मासूम बच्चे को मृत बताकर आधी रात को अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। वहीं‘जाको राखे साईयां,मार सके न कोये’ का कथन उस समय सच साबित हुआ जब मरा बच्चे समझ कर...
बटाला(मठारू): शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा चलाए जा रहे श्री गुरु रामदास अस्पताल वल्ला द्वारा जीवित मासूम बच्चे को मृत बताकर आधी रात को अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। वहीं‘जाको राखे साईयां,मार सके न कोये’ का कथन उस समय सच साबित हुआ जब मरा बच्चे समझ कर अपने घर वापस आ रही मां का रास्ते में उसने जोर से हाथ पकड़ा और उसके शरीर ने हरकत करनी शुरू कर दी।
परमात्मा का शुकराना अदा करते हुए यह गरीब परिवार आधी रात को ही सबका भला ह्यूमैनिटी क्लब के मुख्य संचालक नवतेज सिंह गुग्गु के पास पहुंचा। नवतेज सिंह गुग्गु ने तुरंत मासूम बच्चे को वाहन द्वारा अमृतसर के को-ऑप्रेटिव अस्पताल भेज दिया। इस अवसर पर नवतेज गुग्गु व पंजाब ब्राह्मण कल्याण मंच के प्रादेशिक अध्यक्ष पंडित नरेश कुमार धामी लाटू प्रधान ने बताया कि गांव मसानियां के मासूम बच्चे गुरनूर सिंह को परिवार ने कर्जा उठाकर श्री गुरु रामदास अस्पताल वल्ला में दाखिल करवाया था। रात को डाक्टरों ने पैसे न मिलने की सूरत में बच्चे को मृत घोषित कर उसे अस्पताल से घर भेज दिया। उसने बताया कि अब बच्चे को जहां दाखिल करवाया गया है वहां उसकी हालत ठीक बताई जा रही है।
सिख गुरुद्वारा ज्यूडीशियल कमिशन ने अस्पताल से रिपोर्ट मांगी
सिख गुरुद्वारा ज्यूडीशियल कमिशन के वरिष्ठ सदस्य बलबीर सिंह माहल से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मामले संबंधी अस्पताल के इंचार्ज व प्रिंसीपल से रिपोर्ट मांगी गई है।
क्या कहना है अस्पताल के इंचार्ज के पी.ए. का
अस्पताल के इंचार्ज ए.पी. सिंह के पी.ए.अमनदीप सिंह ने सारे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि मासूम बच्चा कैंसर का रोगी है। उसकी बीमारी अंतिम पड़ाव पर है, जबकि डाक्टरों द्वारा एमरजैंसी में उसका ऑप्रेशन भी किया गया था लेकिन बच्चे की हालत गम्भीर होने कारण डाक्टरों द्वारा उसको वैंटीलेटर पर डालने हेतु कहा गया था, जिसकी परिवार ने सहमति नहीं दी और पारिवारिक सदस्य अपनी मर्जी से अस्पताल में आवेदन देकर बच्चे को साथ ले गए।