सख्ती के बावजूद लग रही गरीब के निवाले में सेंध

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Aug, 2017 01:11 PM

despite the strictness the problem of poor looking

पंजाब सरकार द्वारा फूड सप्लाई विभाग में की गई सख्ती के बावजूद भी गरीब के निवाले में सेंध लग रही है। रईया स्थित फूड सप्लाई विभाग के गोदाम में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले की स्याही अभी सूखी भी नहीं कि विभाग में चल रहा एक और गड़बड़झाला सामने आ गया है।

अमृतसर(संजीव): पंजाब सरकार द्वारा फूड सप्लाई विभाग में की गई सख्ती के बावजूद भी गरीब के निवाले में सेंध लग रही है। रईया स्थित फूड सप्लाई विभाग के गोदाम में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले की स्याही अभी सूखी भी नहीं कि विभाग में चल रहा एक और गड़बड़झाला सामने आ गया है। गत दिवस फूड सप्लाई विभाग के इंस्पैक्टर व पुलिस द्वारा प्राइवेट गोदाम में उतारी जा रही सरकारी गेहूं की सैंकड़ों बोरियां जब्त किए जाने का दावा तो किया जा रहा है, मगर पर्दे के पीछे की सच्चाई अभी जांच के गर्भ में है। इसके तथ्य विभाग की मिलीभगत की ओर इशारा तो कर रहे हैं, मगर सच्चाई गंभीर जांच के उपरांत ही सामने आ सकती है। 
 
कैसे निकलती है सरकारी गोदाम से गरीब की गेहूं
सरकारी गोदाम से निकाली जाने वाली गेहूं फूड सप्लाई विभाग द्वारा आबंटित किए गए टैंडर होल्डर के वाहन पर ही भेजी जाती है जिसका गेट पास गोदाम का इंचार्ज इंस्पैक्टर जारी करता है और फूड सप्लाई विभाग का क्षेत्रीय इंस्पैक्टर उस वाहन को लेकर डिपो होल्डर के गोदाम तक ले जाता है, जिसके उपरांत वह गेहूं की बोरियां डिपो होल्डर के गोदाम में उतरवाने के उपरांत उसे स्टॉक रजिस्टर में दर्ज करता है।

इसके बाद डिपो होल्डर की यह जिम्मेदारी बन जाती है कि वह स्टॉक में आई सरकारी गेहूं को क्षेत्रीय इंस्पैक्टर की मौजूदगी में गरीबों को बांट दे, मगर गत दिवस बरामद की गई सरकारी गेहूं की बोरियां एक प्राइवेट वाहन में लादी गई थीं। इसे किस तरह प्राइवेट गोदाम में उतारा जा रहा था, यह फूड सप्लाई विभाग के उच्च अधिकारियों के लिए एक बड़ी जांच का विषय है। 

कहां से शुरू होती है डिपो होल्डर की जिम्मेदारी
थाना गेट हकीमां की पुलिस द्वारा प्राइवेट गोदाम में रखी गई 245 बोरियो को सील कर डिपो होल्डर के विरुद्ध केस दर्ज किए जाने के मामले में आश्चर्यजनक पहलू यह रहा कि डिपो होल्डर की जिम्मेदारी उस समय शुरू होती है, जब फूड सप्लाई विभाग का इंस्पैक्टर डिपो होल्डर के गोदाम में गेहूं की बोरियों को अनलोड कर उसके स्टॉक रजिस्टर में एंट्री डाल दे, मगर गत दिवस हुए मामले में एकतरफा कार्रवाई किया जाना भी पुलिस की भूमिका को संदेह के घेरे में ले आया है।

पुलिस द्वारा 245 बोरियों के गोदाम को तो सील कर दिया गया, मगर फूड सप्लाई विभाग से आई 600 बोरियों से भरी ट्राली में बची 355 बोरियों को क्यों छोड़ दिया गया जबकि मौका-ए-वारदात पर मौजूद पुलिस का यह फर्ज था कि 600 बोरियों को तब तक सील कर दिया जाता, जब तक मामले के पूरे तथ्य सामने नहीं आ जाते। 355 बोरियों से लदी ट्राली को उसके चालक सहित छोड़ देना भी पुलिस के भ्रष्टाचार का संकेत दे रहा है। 

मामला सैक्रेटरी व डायरैक्टर फूड सप्लाई के संज्ञान में 
वार्ड नंबर 16-ए के क्षेत्र में स्थित एक प्राइवेट गोदाम में उतारी जा रही सरकारी गेहूं की बोरियों का मामला जहां जिला पुलिस द्वारा दर्ज कर लिया गया है वहीं यह फूड सप्लाई विभाग के सैक्रेटरी एवं डायरैक्टर की भी नॉलेज में है, जिसका वह कड़ा संज्ञान लेने जा रहे हैं। इस मामले से जुड़े फूड सप्लाई विभाग के हर अधिकारी को जांच के राडार पर लाया जाएगा। फूड सप्लाई विभाग के अधिकारियों ने पूरा मामला डिपो होल्डर पर डाल कर खुद को बचाने का प्रयास किया है जबकि इसमें विभाग की मिलीभगत के सामने आने के भी संकेत हैं। 

मामले की हो विभागीय जांच
आर.टी.आई. एक्टीविस्ट वरुण सरीन द्वारा गेहूं को एक प्राइवेट गोदाम में उतारे जाने का मामला पुलिस के सामने लाया गया था। वरुण सरीन ने बताया कि वह आज ‘उम्मीद’ एन.जी.ओ. के अध्यक्ष धीरज काकडिय़ा के साथ पुलिस कमिश्नर को भी मिलकर आए हैं, जहां इस बात पर भी चर्चा हुई है कि फूड सप्लाई विभाग अपनी जिम्मेदारी से भाग कर पूरा मामला डिपो होल्डर पर डाल रहा है, जबकि इसकी विभागीय जांच होनी चाहिए। इसमें इस बात के भी तथ्य सामने लाने की जरूरत है कि मौके पर आए पुलिस कर्मचारियों ने 245 बोरियों के गोदाम को तो सील किया मगर बाकी की बोरियों से लदे ट्रैक्टर ट्राली व उसके चालक को क्यों छोड़ा दिया?

डिपो होल्डर महिला पर अमानत में खयानत का केस दर्ज
सरे बाजार सरकारी गेहूं की सैंकड़ों बोरियां प्राइवेट गोदाम में उतारे जाने के मामले में थाना गेट हकीमां की पुलिस ने वार्ड नंबर 16-ए की डिपो होल्डर सुमित्रा कुमारी के विरुद्ध अमानत में खयानत करने का आपराधिक मामला दर्ज किया है।

फूड इंस्पैक्टर प्रभदीप सिंह व हरकिरन सिंह की शिकायत पर दर्ज किए गए मामले में उनका कहना है कि मुल्लेचक्क स्थित सरकारी गोदाम से गेट पास नंबर-11354 से 600 बोरी गेहूं उक्त डिपो होल्डर सुमित्रा कुमारी को दी गई थी जिसने सभी बोरियां अपने डिपो में उतरवानी थी, मगर उसने उन 600 सरकारी गेहूं की बोरियों में से 245 बोरियां अन्नगढ़ स्थित प्राइवेट गोदाम में उतरवानी शुरू कर दीं। इसकी भनक फूड सप्लाई विभाग व पुलिस को लग गई और दोनों विभागों की टीमों ने मौके पर पहुंच कर जहां गोदाम सील कर दिया वहीं ट्राली से उतरवाई जा रही सरकारी गेहूं की बोरियां भी कब्जे में ले लीं। 
 

गेहूं की सरकारी बोरियां उतारे जाने वाला गोदाम किसका?
जिला पुलिस एवं फूड सप्लाई विभाग ने सरकारी जिस गोदाम को सील किया, वह किसका है? यह सवाल जहां पुलिस विभाग के लिए गंभीर जांच का विषय है, वहीं गेहूं चोरी के इस मामले की गुत्थी को सुलझाने का सूत्रधार भी बन सकता है। फूड सप्लाई विभाग द्वारा भेजी गई गरीब की गेहूं किस व्यक्ति द्वारा इस गोदाम में उतरवाई जा रही थी और उन बोरियों को आगे किस के हवाले किया जाना था, इस पर भी विभागीय जांच होने पर कई अहम खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। 

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