Edited By Updated: 22 Mar, 2017 06:56 PM
जिला प्रशासन की पाबंदी के बावजूद फौजी ड्रैस का खुलेआम बाजारों में बिकना न सिर्फ कानून की घोर उल्लंघना है.....
रूपनगर(कैलाश): जिला प्रशासन की पाबंदी के बावजूद फौजी ड्रैस का खुलेआम बाजारों में बिकना न सिर्फ कानून की घोर उल्लंघना है बल्कि इसके साथ फौजी वर्दी में संदिग्धों द्वारा किए जाने वाले हादसों को लेकर भी आम लोगों में चिंता बनी हुई है।
इस संबंध में शहर के गणमान्यों ने बताया कि वर्ष 2016 में पठानकोट एयरफोर्स में हुए आतंकवादी हमले में जहां कई अमूल्य जानें गई वहीं इसकी गंभीरता को देखते हुए पंजाब सरकार के दिशा निर्देशों पर जिला प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा फौजी वर्दी की खुआम बिक्री पर लगाम लगा दी गई। इस संबंध में जिलाधीश रूपनगर द्वारा भी शहर में किसी भी प्रकार की फौजी वर्दी के बेचने पर पाबंदी लगा दी थी, परंतु इसके बावजूद कुछ युवकों का रुझान फौजी वर्दी को पहनने के लिए बरता जा रहा है और दुकानदार भी फौजी वर्दी के रूप में बिकने वाले कपड़े की बिक्री करके चंद पैसों के लिए लोगों की जान जोखिम डाल रहे हैं।
देखने में आया है कि शहर के कुछ दुकानदारों ने फौजी वर्दी के रूप में ड्रैसें भी अपनी दुकानों के बाहर सजा कर रखी हुई है ताकि लोग आराम से वर्दी की खरीददारी कर सकें। गौरतलब है कि सेना की वर्दी को पहनने को लेकर अक्सर छोटे बच्चों में काफी क्रेस रहता है और वह जन्म दिन जैसे अवसरों के अलावा गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस पर फौजी वर्दी पहनने को लेकर उत्सुक रहते हैं, लेकिन आतंकवादी हादसे के बाद फौजी वर्दी को एक तरह से बैन कर दिए जाने से छोटे बच्चों को भी अब फौजी वर्दी पहनने को लेकर संकोच का सामना करना पड़ता है।
अभिभावकों का कहना है कि देश की सुरक्षा सर्वोच्च है और सुरक्षा कारणों के चलते दुकानदारों को अपनी दुकानों पर फौजी जवानों की वर्दी बिक्री नहीं करनी चाहिए। अभिभावकों का कहना है कि स्कूली स्तर पर भी बच्चों व युवाओं को फौजी वर्दी की उपयोगिता के संबंध में जागरूकता फैलाई जानी चाहिए।