Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jun, 2017 10:54 AM
पंजाब में पहले भारी मंदी व उसके बाद नोटबंदी होने के बावजूद इंकम टैक्स विभाग के इन्वैस्टीगेशन विंग ने 125 करोड़ का जुर्माना वसूला है। इस वसूली के लिए विभाग ने रेड, इंकम टैक्स डिस्क्लोजर स्कीम (आई.डी.एस.) व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पी.एम....
अमृतसर(नीरज): पंजाब में पहले भारी मंदी व उसके बाद नोटबंदी होने के बावजूद इंकम टैक्स विभाग के इन्वैस्टीगेशन विंग ने 125 करोड़ का जुर्माना वसूला है। इस वसूली के लिए विभाग ने रेड, इंकम टैक्स डिस्क्लोजर स्कीम (आई.डी.एस.) व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पी.एम. जी.के.वाई.)को जरिया बनाया। पंजाब के मौजूदा हालात में विशेष रूप से अमृतसर में मंदी का इतना भारी दौर चल रहा है जो आजतक देखने को नहीं मिला। हर छोटे से लेकर बड़ा व्यापारी मंदी के कारण परेशान नजर आ रहा है लेकिन इंकम टैक्स इन्वैस्टीगेशन विंग के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि बड़े धनकुबेरों के लिए कहीं भी मंदी नहीं है।
आय से कम आयकर भरने वालों या फिर अपनी आय को छिपाने वाले व्यापारिक प्रतिष्ठान इंकम टैक्स विभाग की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास तो करते हैं लेकिन विभागीय टीम की सतर्कता के चलते इंकम टैक्स चोरी करने वाले बच नहीं पाते। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंकम टैक्स इन्वैस्टीगेशन विंग यूनिट अमृतसर, जिसमें अमृतसर, तरनतारन, बटाला, गुरदासपुर व पठानकोट का इलाका आता है, उसने इस बार कई रिकार्ड तोड़ते हुए एक वर्ष में 125 करोड़ रुपए के लगभग जुर्माना वसूल किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25 करोड़ रुपए ज्यादा है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि इतनी ज्यादा रिकवरी के लिए कोई ज्यादा रेड नहीं डाले गए बल्कि 7 से 8 रेडों का ही सहारा लिया गया। इसके साथ-साथ आई.डी.एस. व पी.एम. जी.के.वाई. केसों में भी जुर्माना लगाया गया है। जितना जुर्माना विभाग ने वसूला, वह इन्वैस्टीगेशन विंग के आने वाले अधिकारियों के लिए भी चुनौती बना रहेगा हालांकि जानकारों का मानना है कि अमृतसर रेंज के इलाके में आज कालेधन की कमी नहीं है, सिर्फ विभाग को थोड़ा गंभीरता के साथ प्रयास करने की जरूरत है लेकिन जो लक्ष्मण-रेखा इन्वैस्टीगेशन विंग के मौजूदा अधिकारियों ने खींच दी है उसको पार करना आसान नहीं रहेगा।
मोदी सरकार कालेधन के खिलाफ कर रही है सख्त कार्रवाई
विभागीय अधिकारियों का हौसला उस समय और भी ज्यादा बढ़ जाता है जब वित्त मंत्री या पी.एम. स्तर के बड़े नेता अधिकारियों का हौसला बढ़ाते हैं। मौजूदा पी.एम. नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली भी कालेधन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने का ऐलान कर चुके हैं। इसी कड़ी में नोटबंदी, आई.डी.एस. व पी.एम.जे.के.वाई. शुरू की गई, हालांकि विदेशों में पड़े काले धन के मामले में अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही। विदेशों से काला धन लाने के लिए जितना प्रयास मोदी सरकार कर रही है, उतना शायद किसी भी सरकार ने नहीं किया। इतना ही नहीं, अपने देश से काला धन ट्रेस करने के लिए भी वित्त मंत्री की तरफ से आयकर अधिकारियों को पूरी छूट दी गई है यही कारण है कि इंकम टैक्स विभाग आए दिन टैक्स चोरी पकडऩे के नए-नए रिकार्ड कायम कर रहा है। पूरे देश में बड़े स्तर पर काला धन ट्रेस करने के लिए छापेमारी का सिलसिला जारी है।
रेड में सख्त मेहनत करते हैं इन्वैस्टीगेशन विंग के अधिकारी
इंकम टैक्स इन्वैस्टीगेशन विंग की रेड खैर उन धनकुबेरों के लिए तो ठीक नहीं होती जो अपनी आय को छिपाकर बैठे होते हैं, लेकिन रेड के लिए अधिकारियों व समूह टीम को ही सख्त मेहनत करनी पड़ती है। कई-कई दिनों तक सर्च करने व दस्तावेजों की जांच करने के बाद ही अधिकारियों को सफलता मिल पाती है। रेड के दौरान अधिकारियों को सारी-सारी रात दस्तावेजों को खंगालना पड़ता है और इस दौरान तो कई बार जान भी जोखिम में डालनी पड़ती है। जालंधर के एक प्रॉपर्टी कारोबारी की तरफ से तो इंकम टैक्स डी.डी. पर गोली तक चला दी गई थी क्योंकि कारोबारी टैक्स चोरी के कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब करने का प्रयास कर रहा था।
प्रॉपर्टी कारोबार में छिपे काले धन को ट्रेस कर रहा नया कानून
आमतौर पर देखने में यही आया है कि ज्यादातर काला धन प्रॉपर्टी कारोबार में लगा हुआ है। इसके अलावा बोगस फर्में बनाकर टैक्स की चोरी की जाती है लेकिन विभाग की तरफ से बनाया गया कानून 269 (एस.एस.) प्रॉपर्टी कारोबार में छिपे कालेधन को ट्रेस करने में सफल साबित हो रहा है जिसके तहत 20,000 रुपए से ज्यादा प्रॉपर्टी का लेन-देन चैक या फिर ड्राफ्ट के जरिए किया जाना तय कर दिया गया है।
इस संबंधी रजिस्ट्री दफ्तरों में भी सरकारी नोटिस आ चुके हैं। इतना ही नहीं, इस कानून के तहत यदि जमीन जायदाद के लेन-देन में टैक्स चोरी ट्रेस होती है तो संबंधित व्यक्ति को 100 प्रतिशत तक जुर्माना हो सकता है।