Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 09:12 AM
जिले के ऐतिहासिक गांव चूहड़चक्क में डेरा झिड़ी की 32 एकड़ जमीन को लेकर पैदा हुआ विवाद दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। डेरे की जमीन को डेरे के नाम करवाने की मांग को लेकर किसान जत्थेबंदी ने डिप्टी कमिश्नर (डी.सी.) दफ्तर के सामने विशाल धरना लगाया। इसके...
मोगा (पवन ग्रोवर): जिले के ऐतिहासिक गांव चूहड़चक्क में डेरा झिड़ी की 32 एकड़ जमीन को लेकर पैदा हुआ विवाद दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। डेरे की जमीन को डेरे के नाम करवाने की मांग को लेकर किसान जत्थेबंदी ने डिप्टी कमिश्नर (डी.सी.) दफ्तर के सामने विशाल धरना लगाया। इसके बाद डिप्टी कमिश्नर मोगा को ज्ञापन सौंपा गया।
भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी ने चेतावनी दी कि अगर इस मामले का हल नहीं किया गया तो किसानों, मजदूरों द्वारा संघर्ष को और तेज किया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के जिलाध्यक्ष टहल सिंह ने आरोप लगाया कि डेरा झिड़ी की 32 एकड़ जमीन एक संत ने कुछ अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर कथित तौर पर अपने नाम करवा ली है, जो समूचे गांव से धक्का है।लोक संग्राम मंच के महासचिव बलवंत मक्खू ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी तथा गांव निवासी इस डेरे की जमीन को लेकर हकी लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकार को प्रमुखता के आधार पर इस मसले का हल करना चाहिए ताकि लोगों का विश्वास प्रशासनिक अधिकारियों में बना रहे।
इस अवसर पर क्रांतिकारी ग्रामीण मजदूर यूनियन के नेता लक्खा सिंह सिंघावाला, दिलबाग सिंह जीरा, महिला मुक्ति मंच की प्रदेश नेता सुरेन्द्र कौर ढुडीके, बिक्कर सिंह चूहड़चक्क, अवतार सिंह वैरोके, सुखवीर सिंह सहित अन्य वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए। इस मौके पर लोक संग्राम मंच के नेता इंजीनियर रवैत सिंह, किसान नेता अवतार सिंह, नछत्तर सिंह प्रेमी, मजदूर नेता बंत सिंह, जुगराज सिंह धालीवाल, पंच महेन्द्र सिंह, बाबा जरनैल सिंह अध्यक्ष गुरुद्वारा कमेटी, बलवीर कुमार शिव दयाले वाले, सुरजीत सिंह दयोल के अलावा इलाके भर के किसान, मजदूर व गांव निवासी भी उपस्थित थे।
ये हैं किसानों की मुख्य मांगें
- डेरे की जमीन डेरे के नाम करवाई जाए।
-डेरे के प्रबंध को समूचे ढंग से चलाने के लिए ट्रस्ट का गठन किया जाए।
-डेरे की जमीन में रोपाई तथा धान की फसल की अदायगी पर पुलिस द्वारा लगाई रोक हटाई जाए।
- डेरे की जमीन से होने वाली आमदनी गांव की भलाई व डेरे की बेहतरी के लिए खर्च करने की हिदायतें जारी की जाएं।
-धोखे से जमीन अपने नाम करवाने वाले व्यक्ति तथा उसके समर्थकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
- पुलिस द्वारा निभाया जा रहा पक्षपात रवैया बदला जाए।