डिलीवरी समय नस कटी,डाक्टर बोले-ऑप्रेशन हुआ ही नहीं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Mar, 2018 01:15 PM

delivery time vein cut

यह केस हैरानी भरा है। महिला की नार्मल डिलवरी होती है। 24 घंटे बाद छुट्टी मिल जाती है। बेटे को जन्म देने के 48 घंटे बाद उसको पता चलता है कि मल व मूत्र दोनों एक साथ त्याग रही है। महिला को उसी डॉक्टर के पास ले जाया जाता है। डॉक्टर केस गंभीर है बता कर...

अमृतसर(स.ह./ नवदीप): यह केस हैरानी भरा है। महिला की नार्मल डिलवरी होती है। 24 घंटे बाद छुट्टी मिल जाती है। बेटे को जन्म देने के 48 घंटे बाद उसको पता चलता है कि मल व मूत्र दोनों एक साथ त्याग रही है। महिला को उसी डॉक्टर के पास ले जाया जाता है। डॉक्टर केस गंभीर है बता कर कहीं और ले जाने की बात करता है। जिला सरकारी अस्पताल में महिला को जवाब मिल जाता है। 

आखिरकार अपनी शर्तों पर महिला का इलाज एक प्राइवेट अस्पताल करने के लिए आगे आता है। डाक्टर महिला के परिजनों को बताते हैं कि मल वाली नली कटने से मल व मूत्र एक साथ त्याग रही है। चौकाने वाली बात है कि महिला ने जिस अस्पताल में बेटे को जन्म दिया, उस डाक्टर का कहना है कि ऑप्रेशन तो हुआ ही नहीं है और मल की नली कटने का सवाल ही पैदा नहीं होता। 


सर्बजीत सिंह (24) निवासी, पत्ती छह, वार्ड पंडोरा, सुल्तानविंड ने बताया कि उसकी शादी कोमलप्रीत (22) मार्च 2017 में हुई थी। उस की पत्नी ने जब से गर्भ धारण किया उसका चैकअप घर के पास स्थित ए.पी.एस. हॉस्पिटल एंड डैंटल केयर सैंटर में चलता रहा। 12 फरवरी 2018 के दिन कोमल को प्रसव पीड़ा हुई तो वह उसे डा. अवतार सिंह के पास चैकअप करवाने के लिए लेकर आया। यहां उसको दाखिल कर लिया गया। सुबह 11 बजे कोमल का इलाज शुरू हुआ। डिलीवरी के लिए बाहर से स्पैशल डा. हरजिंद्र कौर को बुलाया गया था।


दोपहर तीन बजे कहा गया कि ‘बधाई हो, नार्मल डिलवरी से लड़का हुआ है’। दो घंटे बाद ही रक्त अधिक बहने से कोमल को दोबारा बैड से ‘लेबर रूम’ ले जाया गया। इस बार कोमल लेबर रूम से लौटी तो चार-पांच टांके लगे थे। कोमल कई बार बेहोश होती रही, लेकिन अगले दिन 13 फरवरी को 13 हजार रुपए का बिल लेकर कोमल को छुट्टी दे दी गई। 14 फरवरी को कोमल ने बताया कि उसका मल व मूत्र एक साथ हो रहा है। यह सुन वह दंग रह गया। कोमल को दोबारा  डा. अवतार सिंह के पास ले जाया  गया। डा. अवतार ने हाथ खड़े कर दिए। किसी अन्य डॉक्टर को बुलाया उसने कहा कि 10 से 15 लाख रुपए लगेंगे।

वहां से जवाब मिल गया। तभी एक प्राइवेट अस्पताल ने कोमल को जिंदगी बचाई। पहले चरण में कोमल का इलाज चल रहा है, पांच डाक्टरों की टीम का दावा है कि तीन महीने बाद कोमल का ऑप्रेशन होगा, कोमल ठीक हो जाएगी।  ‘पंजाब केसरी’ से कोमल कहती है कि मुझे खुद नहीं पता कि क्या हुआ, मैं तो बेहोश थी। बेटे का चेहरा निहारती कोमल मन चंचल हो जाता है। वह दुख भूल कर बेटे को खुशी से चूम लेती है।

उनपर लगाए आरोप बेबुनियाद हैं : डा. अवतार 
ए.पी.एस. हॉस्पिटल एंड डैंटल केयर सैंटर के डा. अवतार सिंह ने कहा कि जो उनपर आरोप लगाए गए हैं वे बेबुनियाद हैं। कोमलप्रीत की नार्मल डिलीवरी हुई थी, ऑप्रेशन तो हुआ ही नहीं। अगले दिन ही उसे छुट्टी दे दी गई थी। 

3 महीने के बाद ऑप्रेशन होगा, ठीक हो सकती है कोमलप्रीत
मौजूदा समय में इलाज कर रहे डा. गुरभेज सिंह ने कहा कि कोमलप्रीत का तीन महीने के बाद ऑप्रेशन होगा, वो ठीक हो सकती है। 

न्याय दिलाने को कौंसिल आई आगे
कोमल को न्याय दिलाने के लिए ऑल इंडिया ह्यूमनराइट्स प्रोटक्शन कौंसिल के चेयरमैन प्रवीन सहगल व प्रैस सैक्रेटरी जगदीश कुमार भाटिया आगे आए हैं। जहां यह मामला सेहत मंत्री ब्रह्म मोङ्क्षहद्रा के पास पहुंच गया है, वहीं अमृतसर के सिविल सर्जन डा. हरदीप सिंह घई कहते हैं कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। 

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