Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Nov, 2017 11:27 PM
जून 1984 सिख हत्याकांड के शहीदों की याद में गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की उपस्थिति में मूल मंत्र के पाठ और अरदास की गई। इस मौके पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर ने जून 1984 सिख...
पटियाला(जोसन): जून 1984 सिख हत्याकांड के शहीदों की याद में गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की उपस्थिति में मूल मंत्र के पाठ और अरदास की गई। इस मौके पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर ने जून 1984 सिख हत्याकांड के शहीदों को याद किया।
उन्होंने कहा कि आज का यह काला दिन समूचे पंथ को जुल्म के खिलाफ लामबंद होने के लिए प्रेरणा देता है। ‘सिख कौम’ देशभक्ति वाली ऐसी कौम है, जिसने गुरु साहिबान द्वारा दिखाए मार्ग पर चल कर देश के अस्तित्व, हस्ती और धर्म सभ्याचार को बचाने के लिए समय-समय पर बलिदान दिया। उन्होंने 33 वर्ष बीतने के बाद भी जून 1984 के पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिए जाने में की जा रही देरी पर ङ्क्षचता प्रकट करते हुए कहा कि ‘सच्चाई’ इतिहास बन चुकी है, जिसको हमारी सरकारें झुठला नहीं सकतीं।
जांच और न्याय देने में की जा रही देरी लोकतंत्र और संविधान पर कलंक है। शिरोमणि कमेटी के प्रधान ने कहा कि कांग्रेस का सिख विरोधी चेहरा नंगा हो चुका है, जिसने सिखों का विरोध ही नहीं किया, बल्कि ‘सिख कौम’, ‘सिखी सिद्धांत’ और ‘धर्म सभ्याचार’ की हस्ती को मिटाने के लिए भद्दे हथकंडे अपनाए। शिरोमणि कमेटी के प्रबंधों अधीन जिले भर के गुरुद्वारों, गुरुद्वारा पातशाही नौवीं बहादुरगढ़, गुरुद्वारा मोती बाग साहिब और अलग-अलग गुरुद्वारों में मूल मंत्र के पाठ और अरदास करके शहीदों को याद किया गया।
अरदास समागम दौरान जत्थेदार जरनैल सिंह करतारपुर, जत्थेदार बलदेव सिंह खालसा, जत्थेदार लाभ सिंह देवीनगर, जत्थेदार शविन्द्र सिंह सभ्रवाल, ज्ञानी प्रितपाल सिंह, निजी सहायक भगवंत सिंह धंगेड़ा, अमरजीत सिंह सिद्धू, नरदेव सिंह आकड़ी, रणधीर सिंह रखड़ा, सहायक मैनेजर कमलजीत सिंह, करनैल सिंह, उप-प्रधान गुरप्रीत सिंह आदि उपस्थित थे।