Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jul, 2017 07:37 AM
प्रदेश सरकार द्वारा जारी जनरल तबादलों की पालिसी के अनुसार जिले में कार्यरत डी.सी. दफ्तर के साथ संबंधित कर्मचारी जिसमें सीनियर व जूनियर सहायकों के साथ-साथ पटवारी और कानूनगो भी शामिल हैं, के तबादलों की अंतिम तारीख........
जालंधर (अमित): प्रदेश सरकार द्वारा जारी जनरल तबादलों की पालिसी के अनुसार जिले में कार्यरत डी.सी. दफ्तर के साथ संबंधित कर्मचारी जिसमें सीनियर व जूनियर सहायकों के साथ-साथ पटवारी और कानूनगो भी शामिल हैं, के तबादलों की अंतिम तारीख (इस महीने की 10 तारीख) समाप्त हो चुकी है, मगर डी.सी. द्वारा तबादलों की लिस्ट जारी नहीं की गई है जिससे अपनी मनपसंद जगह पर नियुक्ति के लिए जुगाड़ फिट करने वाले सारे कर्मचारियों की सांसें अटकी हुई हैं और उन्हें केवल इसी बात का इंतजार है कि कब डी.सी. द्वारा लिस्ट सार्वजनिक की जाए और कब वह अपनी मनपसंद सीट पर नियुक्ति का सुख प्राप्त कर सकें।
डी.सी. दफ्तर के सूत्रों के अनुसार डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा द्वारा तबादलों की लिस्ट लगभग फाइनल की जा चुकी है और उसमें केवल अति-आवश्यक या उन कर्मचारियों के तबादले किए जाने हैं, जिनकी परेशानी बड़ी है और उसका हल किया जाना अनिवार्य है। इसीलिए डी.सी. बिना किसी जल्दबाजी के और बेहद सोच-समझकर ही लिस्ट सार्वजनिक करने का मन बना चुके हैं। इतना ही नहीं इस बात की भी चर्चा जारी है कि डी.सी. एक ही बार में सारा प्रैशर अपने ऊपर ले-लेना चाहते हैं ताकि बाद में किसी किस्म के बदलाव को लेकर दोबारा से उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े। पिछले कई दिनों से ऐसे कर्मचारी जो अभी भी अपनी नियुक्ति करवाने के लिए इच्छुक हैं, उन्होंने इस बात का जुगाड़ लगाना आरंभ कर दिया था कि कैसे वह अपनी मनपसंद जगह पर तबादला करवाएं। इसके लिए डी.सी. के पास सिफारिशें लगवाने के लिए दौड़ आरंभ हो चुकी है।
कुछ सीटें ऐसी हैं जहां तैनात कर्मचारी किसी भी हाल में अपनी सीट को त्यागना नहीं चाहते और वह सीट पर स्टे यानी कि नाट-टू-बी-चेंज्ड के लिए एडी-चोटी का जोर लगा रहे हैं क्योंकि पुरानी सीट पर बैठ कर आने वाली काली कमाई का मोह इतना अधिक है कि अपनी पुरानी सीट पर बने रहने के लिए जोड़-तोड़ और पैसे खर्च करने के लिए भी तैयार हैं। सूत्रों की जानकारी के अनुसार कुछ मलाईदार सीटों पर तबादले के लिए काफी जोर-आजमाइश हुई और ऊंचा रसूख रखने वाले कर्मचारियों ने अपने राजनीतिक आकाओं की शरण में जाकर अपनी गोटियां भी फिट कीं।
कुछ ने पहले भी डी.सी. को सिफारिश करवाई थी मगर पिछली लिस्ट में नाम न आने के कारण वह दोबारा से सिफारिशों के दौर चला रहे हैं ताकि उनका काम पक्का हो जाए। कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जिनका एक से अधिक नेताओं के पास आना-जाना है, ऐसे कर्मचारियों ने हर नेता से डी.ओ. लैटर लेकर डी.सी. के पास देने की तैयारी की है ताकि किसी भी सूरत में उनकी सिफारिश कमजोर न पडऩे पाए। इस पूरे घटनाक्रम के बीच डी.सी. के लिए भी बेहद मुश्किल होगा कि कैसे इतनी बड़ी-बड़ी सिफारिशों के बोझ को अपने ऊपर हावी न होने दें और केवल प्रशासकीय हितों को ध्यान में रखते हुए ही तबादले और नियुक्तियां करें।
बार-बार तबादले किए जाने का रिवाज बुरा, केवल जरूरी तबादलों पर होगा विचार: डी.सी.
डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अवधि बढ़ाई गई थी, बहुत बड़े स्तर पर तबादले नहीं किए जाएंगे और बार-बार तबादले किए जाने का रिवाज बुरा है, इसलिए वह नहीं चाहते कि लोगों में गलत संदेश जाए कि जब चाहे तबादले करवा सकते हैं। इसलिए केवल जरूरी तबादलों पर ही विचार किया जाएगा और जो तबादले अति-जरूरी होंगे और प्रशासनिक हित में होंगे वह ही किए जाएंगे।