Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 10:46 AM
खुशियों और रोशनी का त्यौहार दीपावली जहां पटाखा व्यापारियों के लिए फीका रहा, वहीं वातावरण में इस बार प्रदूषण काफी कम फैला। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में वर्ष 2016 की दीपावली में एयर क्वालिटी इंडैक्स 130 से बढ़कर 228 हो...
अमृतसर(नीरज): खुशियों और रोशनी का त्यौहार दीपावली जहां पटाखा व्यापारियों के लिए फीका रहा, वहीं वातावरण में इस बार प्रदूषण काफी कम फैला। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में वर्ष 2016 की दीपावली में एयर क्वालिटी इंडैक्स 130 से बढ़कर 228 हो गया था, जबकि इस बार पंजाब में दीपावली के दिन एयर क्वालिटी इंडैक्स 265 से बढ़कर 328 हुआ है, यानि पिछले वर्ष एयर क्वालिटी इंडैक्स में 70 प्रतिशत बढ़ौतरी हुई थी, लेकिन इस बार 24 प्रतिशत बढ़ौतरी ही दर्ज की गई है।
वातावरण प्रेमियों की मानें तो उनके लिए यह दीपावली अच्छी रही है, क्योंकि प्रदूषण कम हुआ है। राज्य के मुख्य शहरों की बात करें तो पता चलता है कि मंडी गोबिन्दगढ़ में एयर क्वालिटी इडैंक्स 17 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि पिछले वर्ष इसमें 163 प्रतिशत की बढ़ौतरी दर्ज की गई थी। उद्योग नगरी लुधियाना में इस दीपावली पर ए.क्यू.आई. 24 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि पिछले वर्ष 50 प्रतिशत की बढ़ौतरी दर्ज की गई थी। गुरु नगरी श्री अमृतसर में इस दीपावली पर ए.क्यू.आई. में 45 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है जबकि पिछले वर्ष दीपावली के दिन ए.क्यू.आई. में 63 प्रतिशत की बढ़ौतरी दर्ज की गई थी।
हाईकोर्ट के आदेशों की जमकर उड़ी धज्जियां
भले ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किए थे कि शाम साढ़े 6 बजे से रात साढ़े 9 बजे तक ही पटाखे चलाने की अनुमति है, लेकिन शहरवासी नियमों को ताक पर रखकर सारी रात पटाखे फोड़ते रहे और पुलिस प्रशासन सिर्फ नाकों तक सीमित रहा।
पटाखे फोडऩे के शौकीन लोगों द्वारा हर तरफ रात भर जमकर हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाई गईं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह भी देखने को मिली कि हाईकोर्ट्स एवं सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों पर अमल करवाने में पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखी, जिसका परिणाम यह रहा कि उज्ज न्यायलयों द्वारा जो सायं 6.30 बजे से रात करीब 9.30 बजे तक पटाखे फोडऩे की अनुमति दी गई थी, उसकी बजाए देर रात 2 से 2.30 बजे तक अधिकांश लोग बिना किसी हिचकिचाहट और बिना किसी कानून के खौफ से पटाखे फोड़ते रहे।
फीकी रही पटाखा व्यापारियों की दीपावली
पटाखा व्यापारियों की दीपावली इस बार पूरी तरह से फीकी रही, क्योंकि उनका स्टॉक 70 प्रतिशत या इससे भी कम ही बिका है। अमृतसर जिले की बात करें तो दीपावली से 2 दिन पहले ही पटाखा मार्कीट लग सकी।
जिला प्रशासन ने नगर सुधार ट्रस्ट के जरिए न्यू अमृतसर व रणजीत एवेन्यू में खोखे लगाने की बोली लगाई, लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर बैन लगा दिया और आदेश जारी कर दिए कि पिछले वर्ष की तुलना में सिर्फ 20 प्रतिशत अस्थायी लाइसैंस ही जारी किए जाएं, जिसका पालन करते हुए डी.सी. कमलदीप सिंह संघा व पुलिस कमिश्नर ने अपनी निगरानी में ड्रा के जरिए 10 अस्थायी लाइसैंस जारी किए, लेकिन बाद में हाई कोर्ट ने इस पर भी बैन कर दिया और पहले वाले हालात के आदेश दे दिए, जिसके चलते न्यू अमृतसर व रणजीत एवेन्यू में 39 खोखे लग सके, जबकि पिछले वर्ष 100 के करीब खोखे लगे थे। पटाखा व्यापारियों को लगातार 15 दिनों तक उहापोह की स्थिति में रहना पड़ा, जिसके चलते उनकी पटाखों की सेल काफी कम रही और व्यापारियों को भारी नुक्सान का भी सामना करना पड़ा। यह नुक्सान और ज्यादा हो सकता था यदि 10 अस्थायी लाइसैंस जारी करने वाला आदेश लागू रहता, लेकिन न्यायालय ने पटाखा व्यापारियों को दीवालिया होने से बचा लिया।
खरीदारों पर नजर आई जी.एस.टी. की मार
पटाखा व्यापारियों पर तो जी.एस.टी. की मार नजर आई ही वहीं आम आम आदमी भी जी.एस.टी. की मार से बच नहीं सका है। पटाखों की खरीदारी करने वालों ने इस बार पिछले वर्ष की तुलना में 50 से 60 प्रतिशत तक ही पटाखे खरीदे हैं, क्योंकि पटाखे महंगे होने के कारण लोगों ने पटाखे कम खरीदे। अनार, फुलझड़ी, हवाई जैसे कम कीमत वाले पटाखों की बिक्री ज्यादा हुई, महंगे पटाखे कम ही बिके। बता दें कि केन्द्र सरकार ने पटाखों पर 28 प्रतिशत जी.एस.टी. लगा दिया है, जबकि इससे पहले पटाखों पर 14 प्रतिशत सेल्स टैक्स लगता था। शिवाकाशी में सैंकड़ों पटाखा निर्माण करने वाले कारखाने बंद हो चुके हैं और हजारों पटाखे बनाने वाले कारीगर बेरोजगार हो गए हैं।
गली-मोहल्लों में सरेआम बिके पटाखे
एक तरफ जहां लाइसैंस लेकर काम करने वाले पटाखा व्यापारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा तो दूसरी तरफ अवैध रूप से गली-मोहल्लों में पटाखे बेचने वाले सरेआम पटाखे बेचते नजर आए जिनको पुलिस ने कुछ नहीं कहा। यहां तक कि करियाना दुकानदारों ने भी सरेआम पटाखों की बिक्री की और पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
श्री हरिमंदिर साहिब में आर.एस.पी.एम. ने तोड़ा रिकार्ड
श्री हरिमंदिर साहिब में इस बार आर.एस.पी.एम. का रिकार्ड टूट गया है। वर्ष 2016 की दीपावली के 321 आर.एस.पी.एम. की तुलना में वर्ष 2017 की दीपावली पर श्री हरिमंदिर साहिब का आर.एस.पी.एम. 423 तक पहुंच गया। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो लो विंड वैलोसिटी व धान की अगेती कटाई के कारण हवा कम चली जिसके चलते आर.एस.पी.एम. में इतनी ज्यादा बढ़ौतरी हुई। अमृतसर जिले की बात करें तो इसका आर.एस.पी.एम. 288 से बढ़ कर312 तकपहुंच गया।