5 दिसम्बर से मोदी सरकार की नोटबंदी को लेकर चुनौतियां और बढ़ेंगी!

Edited By Updated: 02 Dec, 2016 09:50 PM

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 नवम्बर को देश में 500 व 1000 रुपए के नोटों ...

जालंधर(धवन): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 नवम्बर को देश में 500 व 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के लिए फैसले के कारण जनता में बेचैनी पाई जा रही है। भारत की कुंडली में चंद्र महादशा में मंगल की अन्तरदशा 2017 को खत्म होगी तथा राहु की अंतरदशा 18 अगस्त 2018 तक चलेगी। गोचर में शनि वृश्चिक राशि में भारत की कुंडली में 7वें भाव में केतु के ऊपर से संचार कर रहा है तथा दसमी दृष्टि जनता के भाव चौथे पर पड़ रही है, जिस कारण जनता को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। 


लुधियाना के ज्योतिषी प्रो. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि 7 दिसम्बर तक मंगल पर बृहस्पति की दृष्टि के कारण जनता सहनशील होकर परेशानियों को झेल रही है। 8 दिसम्बर को गोचर में मंगल के ऊपर से बृहस्पति की दृष्टि हट जाएगी। मंगल 10वें घर से लगन तथा चौथे भाव को देखेगा। शनि भी 7वें भाव से लगन और चौथे भाव को देखेगा। चौथे भाव का स्वामी 15 दिसम्बर से 14 जनवरी 2017 तक 8वें भाव में जन्म के मंगल के विरुद्ध आ जाएगा। 


उन्होंने बताया कि नोटबंदी से पैदा हुए हालातों के कारण जनता की परेशानियां बहुत बढ़ जाएंगी। जनता परेशान होकर कष्ट में दिखाई देगी। जनता नोटबंदी के निर्णय से परेशान होकर शासन के खिलाफ हो जाएगी। जनता के अंदर आक्रोश बढ़ेगा। 8 दिसम्बर को मंगल को बृहस्पति का साथ नहीं मिलेगा। जनता आंदोलित व ङ्क्षहसक हो सकती है, सरकार द्वारा हिंसा को बलपूर्वक रोकने के प्रयासों से स्थिति और भी विस्फोटक हो जाने का भय है। इसलिए मोदी सरकार के लिए और भी चुनौतीपूर्ण समय 5 दिसम्बर से शुरू होने जा रहा है। 


आतंकी वारदातों को जनता को कष्ट होगा। किसानों द्वारा अपने मुद्दों को लेकर देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जा सकता है, फसलों को हानि होने का भय है। शनि लोकतंत्र को इंगित करता है, जबकि मंगल तानाशाही बनाता है। शनि जनता और लोकतंत्र का कारक ग्रह है, इसलिए जनता तानाशाही शासन को बहुत जल्द उखाड़ कर फैंक देती है। ऐसा अतीत में भी इंदिरा गांधी के समय एमरजैंसी लगाने पर हुआ था। संजय गांधी द्वारा जब्री नसबंदी करवाने का भी देश भर में जनता ने व्यापक विरोध किया था। अब भारत मंगल की अन्र्तदशा से गुजर रहा है। मंगल का उच्च का होने के कारण शासन तानाशाह बन गया। एक झटके में उसने पुरानी करंसी खत्म कर दी। 27 जनवरी 2017 से 9वें और दूसरे घर का स्वामी लगन और 10वें भाव का स्वामी शनि मंगल के विरुद्ध आ जाएगा। 27 जनवरी से 3 वर्षों के अंदर भारत की आॢथक स्थिति बहुत निर्बल हो जाएगी। 

 

उन्होंने कहा कि जनता के पास धन की भारी कमी हो जाएगी। बैंकों में भी बड़े घोटाले सामने आ सकते हैं। रुपया कमजोर हो जाएगा। 5वें भाव पर गोचर में शनि और जन्म के मंगल की दृष्टि होने से शेयर बाजार भारी दबाव में आ जाएगा तथा उसमें भारी गिरावट देखने को मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन्म कुंडली में शनि तीसरे भाव में आ जाएगा। शनि की दृष्टि 12वें भाव में बैठे सूर्य, बुद्ध, केतु और नैप्चयून पर दृष्टि होने के कारण मोदी अति आत्मविश्वास में जो कदम उठाएंगे, वे भारी पड़ेंगे। इस अवधि के दौरान आतंकी घटनाएं बढ़ेंगी, प्राकृतिक प्रकोप के कारण जन धन की हानि होगी, भूकम्प आ सकते हैं। 

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