Edited By Updated: 26 Apr, 2017 12:57 PM
गुरु नानक देव अस्पताल में हवालाती राजू की हुई मौत का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई जांच में अस्पताल में हवालाती राजू की मौत के लिए मैडीकल कॉलेज के सिंह डा. बी.एस. बल्ल सहित 3 सीनियर डाक्टरों को आरोपी पाया गया है जबकि...
अमृतसर (दलजीत): गुरु नानक देव अस्पताल में हवालाती राजू की हुई मौत का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई जांच में अस्पताल में हवालाती राजू की मौत के लिए मैडीकल कॉलेज के सिंह डा. बी.एस. बल्ल सहित 3 सीनियर डाक्टरों को आरोपी पाया गया है जबकि उक्त डाक्टर विभाग की जांच से असंतुष्ट हैं। उन्होंने असिस्टैंट इंस्पैक्टर जनरल पुलिस क्राइम जोनल से दोबारा जांच किए जाने की गुहार लगाई है।
स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी पुलिस से आए निर्देशों के बाद दोबारा उक्त मामले की जांच में जुट गए हैं। जानकारी अनुसार केन्द्रीय जेल से आए हवालाती राजू की गुरु नानक देव अस्पताल में कुछ महीने पहले मौत हो गई थी। राजू के परिजनों ने मौत का जिम्मेदार अस्पताल प्रशासन को ठहराते हुए माननीय पंजाब तथा हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका लगाई। माननीय कोर्ट के निर्देशों पर पंजाब पुलिस ने 3 सीनियर आई.पी.एस. के नेतृत्व में स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम (सिट) गठित की। सिट के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग के विशेष बोर्ड द्वारा की गई जांच में डाक्टर बी.एस. बल्ल सहित 3 अन्य डाक्टरों को राजू की मौत के लिए दोषी ठहराया गया।
विभाग द्वारा रिपोर्ट सिट के पास भेज दी गई जिस उपरांत उक्त डाक्टरों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।डाक्टरों ने पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारियों के सामने पेश होकर बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए गए बोर्ड में तैनात डाक्टर ने पूछताछ के दौरान उनको नहीं बुलाया तथा मृतक राजू के इलाज से उनका कोई संबंध नहीं है। पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा डाक्टरों की गुहार के बाद दोबारा स्वास्थ्य विभाग को विशेष बोर्ड गठित करके जांच के आदेश दिए गए हैं तथा उक्त मामले की रिपोर्ट जल्द देने के लिए कहा गया है।
स्वास्थ्य विभाग करे ईमानदारी से जांच
आर.टी.टाई. एक्टिविस्ट जय गोपाल लाली तथा सुधीर सूरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग उक्त मामले की गहराई से जांच करे। विभाग को बिना किसी दबाव में आए मामले की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में पहले भी इलाज के दौरान कई मरीजों की मौत हो चुकी है। यदि समय पर उक्त मौतों की जांच होती तो कई डाक्टरों के नाम सामने आ सकते थे। उन्होंने कहा कि वह पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं तथा उन्हें इंसाफ दिलवाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे। उन्होंने इस संबंधी पुलिस के उच्च अधिकारियों को भी मांग पत्र दिया हुआ है।
दोबारा हो रही है मामले की जांच
स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई जांच में दोषी ठहराए गए डाक्टर असंतुष्ट हैं। पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारियों के निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग को दोबारा मामले की गहराई से जांच करने के लिए कहा गया है। पुलिस द्वारा जांच के लिए काफी दिन पहले पत्र जारी किया गया था परन्तु विभाग द्वारा अभी तक मामले संबंधी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। मामले में शामिल डाक्टर बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग की फाइनल रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
विभाग ने की महत्वपूर्ण तथ्यों की जांच
स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहले की गई जांच में सिट द्वारा भेजी गई हवालाती राजू की ट्रीटमैंट फाइल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी इत्यादि की सी.डी. को शामिल किया गया। विभाग द्वारा गठित बोर्ड के 3 डाक्टरों द्वारा हर पक्ष को गंभीरता से लेते हुए जांच की गई। जांच में बोर्ड को काफी समय भी लगा परन्तु बोर्ड ने डा. बी.एस. बल्ल सहित अन्य डाक्टरों के बयान कलमबंद नहीं किए। बोर्ड द्वारा सिट द्वारा भेजे गए सबूतों की जांच करके रिपोर्ट फाइनल की गई।