Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Aug, 2017 10:34 AM
डेरा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ केस के मामले में 3 दिन बाजार बंद रहने के कारण सिर्फ जिला पटियाला में व्यापारियों और आम दुकानदारों का 100 करोड़ से अधिक का नुक्सान होने का.........
पटियाला (जोसन): डेरा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ केस के मामले में 3 दिन बाजार बंद रहने के कारण सिर्फ जिला पटियाला में व्यापारियों और आम दुकानदारों का 100 करोड़ से अधिक का नुक्सान होने का अनुमान है। बीती 25 और 26 अगस्त को लगभग पूरे जिले के सभी शहरों, कस्बों और कई गांवों में भी दुकानें बंद रहीं। इसके साथ आम छोटे दुकानदारों, रेहड़ी चालकों से लेकर बड़े व्यापारियों तक का नुक्सान हुआ है।
पटियाला के व्यापारी नेता कुंदन गोगिया और व्यापार एसोसिएशन के प्रधान राकेश गुप्ता का कहना है कि इन दिनों में पटियाला जिले में आम दुकानदारों और व्यापारियों का कुल मिला कर 100 करोड़ से अधिक का नुक्सान हुआ है। उन्होंने मांग की कि कोई भी व्यापारी या दुकानदार अपने नुक्सान का दावा सरकार के पास तो नहीं कर सकता, परंतु सरकार ही व्यापारियों और दुकानदारों को राहत देने के लिए टैक्स में छूट देने का प्रबंध करे। उन्होंने कहा कि यदि पंजाब के पी.आर.टी.सी. सहित और अदारे अपने-अपने नुक्सान की भरपाई के लिए सरकार के पास दावा कर रहे हैं तो आम लोगों के नुक्सान की भरपाई भी की जानी चाहिए।
दुकान बंद हो या खुली व्यापारी के खर्च रहते हैं जारी
कुंदन गोगिया और राकेश गुप्ता ने बताया कि लगभग हरेक दुकानदार या व्यापारी ने अपने कामकाज के लिए मुलाजिम रखे हुए हैं, जिनकी तनख्वाह छुट्टियों में भी देना पड़ता है। बिजली-पानी के बिल भी देने होते हैं। ब्याज भी जारी रहते हैं जबकि दूसरी तरफ रोजाना की होने वाली 2 या 4 हजार की आमदनी बंद हो गई। इसके अलावा सरकार का टैक्स भी जारी रहा।
सब्जी, फल, दूध, दही व खाने-पीने वाली वस्तुएं बेचने वालों का सबसे अधिक नुक्सान
एसोसिएशन के नेताओं ने बताया कि सबसे ज्यादा नुक्सान सब्जी, फल, दूध, दही व और खाने-पीने वाली वस्तुओं की दुकानों का हुआ है। उन्होंने बताया कि उक्त सभी वस्तुएं खराब हो गईं।
पहले नोटबंदी, फिर जी.एस.टी. अब डेरा विवाद ने तोड़े व्यापारी
एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि पहले नोटबंदी ने व्यापारियों की कमर तोड़ कर रख दी है जबकि उसके बाद जी.एस.टी. और फिर कई बार बाजार बंद का आमंत्रण दिया गया था जबकि अब डेरा विवाद में कफ्र्यू ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है। उन्होंने सरकार से मांग की कि व्यापारियों को टैक्स में से रियायत देकर इस बंद दौरान हुए घाटे को पूरा किया जाए।