Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jun, 2017 12:20 PM
वीरवार सुबह 7.30 बजे हार्ट अटैक से मरे व्यक्ति को शक्ति से पुनर्जीवित करने का दावा करने वाले ढोंगी ने जहां परिवार को 24 घंटे शव का संस्कार नहीं करने
लुधियाना: वीरवार सुबह 7.30 बजे हार्ट अटैक से मरे व्यक्ति को शक्ति से पुनर्जीवित करने का दावा करने वाले ढोंगी ने जहां परिवार को 24 घंटे शव का संस्कार नहीं करने दिया, वहीं हजारों की नकदी भी ऐंठ ली। पूरे खेल में मध्यस्थता करने वाली कोई और नहीं, बल्कि मृतक की सगी बहन थी, जिसने भाई को पुन: जिंदा करने का आश्वासन देकर शव को फ्रिजर में भी नहीं रखने दिया। भीषण गर्मी के कारण लाश से पैदा हुई बदबू पर वहां पहुंचे मोहल्ले के लोगों ने सारा माजरा समझकर ढोंगी की धुनाई कर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। तत्पश्चात अंतिम संस्कार करवाया गया।
यह घटना पुलिस चौकी आत्म पार्क के अधीन आते मोहल्ला मंजीत नगर की है, जहां वीरवार सुबह स्टीम बॉयलर फिटिंग का काम करने वाले परविंद्र सिंह (45) पुत्र अजीत सिंह को अचानक हार्ट अटैक आ गया, जिसे उसके पारिवारिक सदस्य तुरंत डी.एम.सी. ले गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित करके डैथ सर्टीफिकेट जारी कर दिया। इस पर परिवार वालों ने उसकी मौत की सूचना रिश्तेदारों को देनी शुरू कर दी। इस दौरान हरियाणा निवासी मृतक की एक बहन ने दावा किया कि उसके जानकार बाबा ने पूजा-पाठ शुरू कर दिया है। थोड़ी ही देर में परविंद्र ठीक हो जाएगा। पूजा-पाठ के खर्च के लिए वह तुरंत बाबा के बैंक खाते में 8,000 रुपए डाल दें।
अंधविश्वास में फंसे परिवार वालों ने मृतक के जिंदा होने की उम्मीद से पैसे बाबा के बैंक अकाऊंट में डलवा दिए। लगभग 2 घंटे इसी तरह से ढोंगी परिवार को दावा करता रहा कि मृतक थोड़ी ही देर में ठीक हो जाएगा। बाद में उसने मृतक को फिर अस्पताल ले जाने को कहा। इसके बाद परिवार वाले शव को सी.एम.सी. अस्पताल ले गए परंतु वहां भी डाक्टरों ने उसे मृत करार दे दिया। बावजूद इसके परिवार बाबा की बातों के झांसे में ऐसा फंसा कि उन्होंने संस्कार करवाने की बजाय शव को घर के कमरे में रख दिया। अगले दिन लुधियाना पहुंचे बाबा ने कमरे में पहुंचकर तंत्र विद्या शुरू कर दी। उधर, 24 घंटे बीत जाने के कारण लाश बदबू मारने लगी, जिसके बाद वहां पहुंचे मोहल्ले वालों को सारा माजरा समझ आया तो उन्होंने बाबा की जमकर छित्तर परेड करते हुए उसे व उसकी महिला सहयोगी को पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बाद लाश का संस्कार किया गया।