Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Aug, 2017 04:21 PM
एशिया के प्रसिद्ध पौंग बांध में सिल्ट भर जाने से इसके अस्तित्व को कथित रूप में खतरा पैदा हो गया है। लगभग 46 वर्ष पूर्व इस बांध का निर्माण हुआ था।
मुकेरियां: एशिया के प्रसिद्ध पौंग बांध में सिल्ट भर जाने से इसके अस्तित्व को कथित रूप में खतरा पैदा हो गया है। लगभग 46 वर्ष पूर्व इस बांध का निर्माण हुआ था।
अवैध कृषि बनी प्रोजैक्ट क्षति का कारण
बांध प्रोजैक्ट से पूर्व असंख्य गांवों की भूमि का अधिग्रहण करके विस्थापितों को धन के साथ-साथ राजस्थान में भूमि के बदले भूमि मुरब्बे के रूप में दी गई थी। मगर बांध निर्माण के पश्चात जल भंडार क्षेत्र के आसपास की भूमि पर विस्थपितों ने अवैध कृषि करनी आरंभ कर दी। ट्रैक्टरों द्वारा खोदी गई भूमि की मिट्टी जरा सी वर्षा से जल भंडार में आ जाती है जिसने धीरे-धीरे सिल्ट का रूप धारण कर लिया है, दूसरी ओर पर्वतीय क्षेत्रों में हो रहे अवैध कटान के कारण भी सिल्ट का निरंतर आना जारी है।
ये हैं सिल्ट के नुक्सान
संवाद दाताओं द्वारा झील के क्षेत्र धमेटा, फतेहपुर, नगरोटा, सूरिया, देहरा, गोपीपुर का भ्रमण करने पर लोगों ने बताया कि सिल्ट आने से प्रोजैक्ट की आयु कम हो रही है। कंट्रोल वाल सिल्ट के कारण उचित शैली से कार्य नहीं कर रहे। जल भंडार की मात्रा का मापदंड जांचने में सिल्ट एक भारी बाधा बन चुकी है।
प्रशासनिक अधिकारी बने मूक दर्शक
जब इस गंभीर समस्या के प्रति संबंधित कार्यालय तलवाड़ा में सम्पर्क किया तो उन्होंने कोई उचित उत्तर व जानकारी देने की बजाय एक के बाद एक नंबर देकर सम्पर्क करने को कहा। अंत में 5 फोन करने के बाद एक क्लर्क ने कहा कि इस मामले के प्रति अनेक स्थानों पर अवैध कृषि एक दंडनीय अपराध सांकेतिक बोर्ड लगाए हैं। शिकायत आने पर बी.बी.एम.बी. की टीम तुरन्त घटनास्थल पर पहुंचती है। अब तक कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ।