Edited By Updated: 08 Nov, 2016 04:54 PM
एक तरफ जहां सत्ताधारी नेता आए दिन किसानों को हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाने और मंडियों में फसल का 1-1 दाना उठाने की दुहाई देते हैं
गढ़दीवाला (जितेन्द्र): एक तरफ जहां सत्ताधारी नेता आए दिन किसानों को हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाने और मंडियों में फसल का 1-1 दाना उठाने की दुहाई देते हैं परंतु दूसरी तरफ जमीनी हकीकत सरकारी दावों से कोसों दूर है। मंडियों में जहां किसान, आढ़ती व मजदूर अदायगी के लिए तरस रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मंडियों में सुविधाओं का भारी अभाव सरकार के विकास संबंधी तमाम दावों की पोल खोल रहा है। इसी तरह दानामंडी गढ़दीवाला में आने वाले किसानों व आढ़तियों के लिए सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है।
मंडी में लगे गेहूं के अंबारों के चलते जगह पड़ रही है कम
दाना मंडी में केवल फसल की सेल व परचेज का ही काम होता है, यहां पर किसी भी फसल को डम्प नहीं किया जाता है लेकिन दाना मंडी गढ़दीवाला में सरकार की एक एजैंसी ने बड़े स्तर पर गेहूं की फसल को डम्प किया हुआ है और गेहूं के काफी अम्बार लगे हुए हैं जिस कारण मौजूदा धान के सीजन में इलाके के किसानों को मंडी में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मंडी के अंदर जो रास्ता बना हुआ है जगह की किल्लत के कारण वहां भी धान बिखरा पड़ा है लेकिन सरकार व अधिकारी इस सबसे से अंजान बने बैठे हैं और बेचारे किसानों को ट्राली खाली करवाने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है।
शैड की नहीं है कोई व्यवस्था
मंडी की मुख्य समस्याओं में से एक शैड की समस्या है। फसलों को रखने के लिए मंडी में शैड की कोई व्यवस्था नहीं है जिस कारण फसलें बाहर खुले में पड़ी रहती हैं। भले ही तिरपाल आदि से ढंकने की कोई व्यवस्था हो लेकिन अगर अचानक मौसम का मिजाज बिगड़ जाए तो बड़े स्तर पर फसलें बर्बाद हो सकती हैं।
शौचालय न होना बना सिरदर्द
मंडी में कोई शौचालय न होने के कारण किसानों व अन्य को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रात-दिन मंडी में काम करने वाली लेबर को शौचालय के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर होना पड़ता जिस कारण उन्हें काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। मंडी के नजदीक एक पल्ली लगाकर टैंपरेरी शौचालय बनाया गया है जिसका किसी को कोई फायदा नहीं है।