Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Dec, 2017 02:27 PM
उपमंडल मुकेरियां के अन्तर्गत कस्बा हाजीपुर तथा शहर तलवाड़ा क्षेत्र की सड़कों में स्वयं खुदे हजारों गड्ढे तो जैसे आम जिंदगी के दुश्मन बने बैठे हैं।
तलवाड़ा(डी.सी.): उपमंडल मुकेरियां के अन्तर्गत कस्बा हाजीपुर तथा शहर तलवाड़ा क्षेत्र की सड़कों में स्वयं खुदे हजारों गड्ढे तो जैसे आम जिंदगी के दुश्मन बने बैठे हैं।
हाजीपुर हलका मुकेरियां तथा तलवाड़ा हलका दसूहा के हृदय स्थल माने जाते हैं। सरकारें भले किसी भी सियासी पार्टी की सत्तारूढ़ हों, वे हमेशा सड़क, शिक्षा व चिकित्सा संबंधी सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर पहुंचाने की वचनबद्धता दोहराती हैं परन्तु अफसोस उक्त क्षेत्रों में सड़कों की दशा न पिछली सरकार ने सुधारी और न ही वर्तमान की कैप्टन अमरेन्द्र की सरकार टूटी सड़कों को नई जिंदगी देने का कोई दम भर रही है। उक्त क्षेत्रों में कैसी है बदहाल दशा और आम लोगों की क्या है राय, वह इस तरह से है।
क्या कहना है लोगों का
*सड़कें किसी भी क्षेत्र की भाग्य-रेखा समझी जाती हैं। गांव श्री पंडायन, फतेहपुर, बहिमावा आदि की सम्पर्क सड़कें पिछले काफी समय से टूटी पड़ी हैं जबकि मौके की सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। टूटी
सड़कों पर जैसे-तैसे गुजरने वाले लोग भी जैसे अपनी जिंदगी टूटती हुई देखते हैं। हर दम इन बदहाल सड़कों पर कोई हादसा घटने का डर बना रहता है। -दलजीत जीतू प्रधान, जिला भाजपा किसान मोर्चा
*क्षेत्रभर में टूटी सड़कों से आम जिंदगी को दिक्कतों से जूझते देख दिल कांप उठता है। सड़कें आम जिंदगी के लिए विकास की राह होती हैं। तलवाड़ा मुख्य मार्ग से नमोली सम्पर्क मार्ग पर नमोली हार वाले क्षेत्र में पड़े गहरे गड्ढे आम जिंदगी की जान के दुश्मन बने बैठे हैं। सड़क के इस टूटे भाग पर कब कोई हादसा हो जाए और शरीर को क्षति पहुंच जाए, हर पल इसका डर बना रहता है। -सरपंच रमन शर्मा, नमोली
*टूटी सड़कें वास्तव में आजकल आम जिंदगी पर भारी पडऩे लगी हैं। सड़कों के बीचों-बीच पड़े गड्ढों में बारिश का पानी भर गया है। ऐसी परिस्थितियों वाली सड़कों पर पैदल और वाहनों से भी गुजरने का सीधा मतलब है, जिंदगी को हादसे के कुओं में गिरा देना। बारिश के पानी से भरे गड्ढों में अनुमान नहीं लग पाता कि वह कितना गहरा है। कई बार ऐसी बदहाल सड़कों पर दोपहिया वाहन गिरने की सूचनाएं मिल रही हैं। -अजय परमार, धर्मपुर देवी