Edited By Updated: 06 Dec, 2016 03:27 PM
पांच सौ व एक हजार के नोट बंद होने से आम लोगों की मुश्किलें तो बढ़ी ही हैं अब शादियों में हीरो के तौर पर पेश होने वाले दूल्हे का गला भी नोटों के हारों से भरा दिखाई नहीं देता।
फरीदकोट(हाली): पांच सौ व एक हजार के नोट बंद होने से आम लोगों की मुश्किलें तो बढ़ी ही हैं अब शादियों में हीरो के तौर पर पेश होने वाले दूल्हे का गला भी नोटों के हारों से भरा दिखाई नहीं देता। इन दिनों हुई शादियों में यह देखने में आया है कि नोटों की कमी के कारण लोग शगुन भी कम देने लगे हैं। नोटों के बने हार बेचने वाले दुकानदारों के अनुसार नोटों के हार बिकने की संख्या पहले से बहुत कम हो गई है।
बाजार में से सौरव चावला की दुकान से नोटों के हार बनवाकर लेने आए गांव हरिएवाला के जगमीत सिंह ने बताया कि वह नए नोट लेकर आए हैं । सिर्फ डिजाइनिंग देखकर ही उस मुताबिक हार बनवा रहे हैं। दूल्हे संदीप सिंह ने बताया कि वह हमेशा ही अपने रिश्तेदारों की शादियों में नए नोटों के हार बनाकर ले जाते थे। शगुन के रूप में कई-कई हार दूल्हों के गलों में डालते थे। मगर उसकी शादी के वक्त नोटों की कमी होने के कारण उसे हारों की कमी लगी जबकि उसने अपनी शादी के लिए अपने बाकी शौक पूरे कर लिए।