Edited By Updated: 06 Dec, 2016 11:57 AM
नोटबंदी के कारण विदेशों से फगवाड़ा आए हुए आप्रवासी भारतीयों का दर्द सबसे ज्यादा भयावह है। ये लोग जो इंगलैंड, पोलैंड, अमरीका, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, यूरोप आदि के कई देशों से सर्दी का लुत्फ लेने फगवाड़ा आए हैं। वह अपने साथ विदेशों से पौंड, डॉलर आदि...
फगवाड़ा(जलोटा): नोटबंदी के कारण विदेशों से फगवाड़ा आए हुए आप्रवासी भारतीयों का दर्द सबसे ज्यादा भयावह है। ये लोग जो इंगलैंड, पोलैंड, अमरीका, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, यूरोप आदि के कई देशों से सर्दी का लुत्फ लेने फगवाड़ा आए हैं। वह अपने साथ विदेशों से पौंड, डॉलर आदि करंसी लेकर आए थे।
सब सवाल करते हैं कि मोदी सरकार ने उनको क्यों नोटबंदी का शिकार बनाया है? न तो उनका सीधे तौर पर भारत सरकार से कोई वास्ता होता है और न ही वे कभी यहां की सरकारी नीतियों का हिस्सा होते हैं। जब प्रधानमंत्री मोदी विदेशों में आए थे तो उन्होंने लंबे-चौड़े दावे करके कहा था कि आप्रवासी भारतीय दिल खोलकर स्वदेश आया करें लेकिन जब वे आए हैं तो उनको नोट बंदी का शिकार बनाकर दर-दर का भिखारी बना दिया गया है। उनके डॉलर, पौंड सरकारी स्तर पर तयशुदा मात्रा में बैंक आदि लेते हैं। इसके बदले में चंद हजार रुपए दे देते हैं। वे विदेशों में करोड़पति हैं लेकिन फगवाड़ा में आकर जो दुर्दशा उनकी मोदी सरकार के राज में हुई है, उसे जीवन में कभी नहीं भूलेंगे। वे आज यहां पर पैसे-पैसे को मोहताज हो गए हैं।