Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Aug, 2017 09:34 AM
डेरा प्रमुख को हाईकोर्ट द्वारा साध्वी से बलात्कार की पुष्टि करते हुए दोषी करार दिया जिससे डेरा प्रेमियों ने गुंडागर्दी का तांडव मचाया, मजबूर होकर प्रशासन को कफ्र्यू लगाना पड़ा, जिसने जिंदगी की रफ्तार को रोक दिया।
भटिंडा(विजय): डेरा प्रमुख को हाईकोर्ट द्वारा साध्वी से बलात्कार की पुष्टि करते हुए दोषी करार दिया जिससे डेरा प्रेमियों ने गुंडागर्दी का तांडव मचाया, मजबूर होकर प्रशासन को कफ्र्यू लगाना पड़ा, जिसने जिंदगी की रफ्तार को रोक दिया।
जैसे ही पंचकूला में ङ्क्षहसक घटनाएं शुरू हुईं, जिसका असर 6 राज्यों सहित भटिंडा पर भी पड़ा तो जिलाधीश कम मैजिस्ट्रेट दीपर्वा लाकरा ने कर्फ्यू का ऐलान कर दिया। कर्फ्यू लगते ही लोग घरों में दुबके, सड़कें, रेल मार्ग सभी सुनसान हुए जैसा कि जिंदगी की रफ्तार ही रुक गई। सड़कों पर केवल पुलिस की गाडिय़ां सायरन बजाती हुई नजर आईं और हर स्थान पर पुलिस बल तैनात कर दिए गए।
शुक्रवार 3.40 सायं कफ्र्यू लगाने का ऐलान किया गया, जिसमें शनिवार सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक ढील दी गई परन्तु बाद में इसे 3 बजे तक कर दिया गया, जिसे बढ़ाकर सायं 6 बजे तक कर दिया गया। जिला प्रशासन की गाडिय़ों से लोगों को आग्रह किया गया कि वे शांति बनाए रखें और घरेलू जरूरी वस्तुएं खरीद कर घरों में चले जाएं। देखते ही देखते बाजारों में भीड़ लौटी, सब्जियों, दूध, फलों, करियाना आदि वस्तुओं को लोग खरीदते नजर आए।
प्रशासन ने दी लोगों को राहत
नौजवान पीढ़ी जिन्होंने कर्फ्यू का नाम तो सुना था लेकिन लगा नहीं देखा जो उन्हें शुक्रवार को देखने को मिला। 3 जून, 1984 को नीला तारा आप्रेशन के दौरान आज से 33 वर्ष पूर्व लगा था जबकि डेरा सच्चा सौदा की गिरफ्तारी के बाद 25 अगस्त, 2017 को देखने को मिला।
लगातार 17 घंटे लोग कफ्र्यू में दुबके रहे बेशक कफ्र्यू लगने का अंदेशा पहले ही था, तभी लोगों ने जरूरी वस्तुओं का भंडार कर लिया था। मोबाइल की इंटरनैट सेवाएं व सोशल मीडिया बंद कर दिया गया, जिससे लोगों को कर्फ्यू का समय गुजारना भी मुश्किल लगा। जिला प्रशासन ने बेशक 17 घंटे बाद शुक्रवार सुबह 9 बजे ढील देकर राहत दी। हालात के मद्देनजर जिला प्रशासन ने इस राहत को बढ़ाकर दोपहर 3 बजे कर दिया लेकिन बाद में फिर इसे बढ़ाकर 6 बजे तक कर दिया गया।
सभी शादियां रद्द
शहर के विभिन्न शादी घर, होटलों, रिजोर्ट्स में कुल 18 शादियां शुक्रवार सायं के लिए बुक थीं लेकिन कफ्र्यू लगने से सभी शादियां रद्द की गईं। मैरिज पैलेसों, होटलों, रैस्टोरैंट, रिजोर्ट्स से प्राप्त की गई जानकारी अनुसार विभिन्न समुदाय के 18 जोड़ों की शादी होनी थी, जिसे रोककर आगे के लिए बढ़ा दिया है।
यह सभी लोग इंतजाम किए हुए थे, कार्ड बंट चुके थे परन्तु बाद में मैसेज द्वारा आमंत्रित लोगों को शादी रद्द करने की सूचना दी गई। प्रदीप कुमार ने बताया कि उनक ी बेटी की शादी थी परन्तु डेरा प्रमुख की पेशी को लेकर वह पहले ही आशंकित थे परन्तु शादी तय हो चुकी थी, कार्ड बंट चुके थे, आखिर उन्हें मजबूरी में रुकना पड़ा। रंगा सिंह निवासी बङ्क्षठडा की बेटी की शादी 29 अगस्त को है, जबकि डेरा प्रमुख का फैसला 28 को है अब उसे फिक्र है कि कहीं शादी रोकनी न पड़ जाए।