Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Aug, 2017 10:46 AM
पंजाब इंस्टिच्यूट आफ मैडीकल साइंस (पिम्स) का अपनी शुरूआत से ही विवादों के साथ चोली-दामन का साथ रहा है और आए दिन यहां कोई न कोई
जालंधर(अमित): पंजाब इंस्टिच्यूट आफ मैडीकल साइंस (पिम्स) का अपनी शुरूआत से ही विवादों के साथ चोली-दामन का साथ रहा है और आए दिन यहां कोई न कोई विवाद सामने आता ही रहता है।मंगलवार को एक बहुत बड़ा मामला सामने आया जिससे स्पष्ट है कि पिम्स में सब कुछ ठीक नहीं है। पिम्स में सामने आए इस नए मामले को सी.टी. स्कैन घोटाला भी कहा जा सकता है क्योंकि फर्जीवाड़ा करते हुए गलत मरीकाों की सूची बनाकर सी.टी. स्कैन की जाली एंट्रियां डालने की बात सामने आई है।
सूत्रों के अनुसार पिम्स में सी.टी. स्कैन मशीन पिछले एक साल से खराब पड़ी है। यह मशीन फोर्टिस एस्कार्ट, अमृतसर से 2016 में एम.सी.आई. (मैडीकल काऊंसिल आफ इंडिया) की इंस्पैक्शन क्लियर करवाने के लिए लाई गई थी। यह मशीन केवल एक महीना ही चली थी और इसके बाद से लेकर आज तक खराब पड़ी है। पिम्स में चैकअप के लिए आने वाले और यहां दाखिल मरीकाों को सी.टी. स्कैन करवाने बाहर जाना पड़ता है। एम.सी.आई. और बाबा फरीद यूनिवर्सिटी को धोखा दिया जा रहा है क्योंकि नियमों को पूरा करने के लिए एक साल से सी.टी. स्कैन की जाली एंट्रियां डालकर पूरा रिकार्ड मेनटेन किया जा रहा है। एक्स-रे करवाने आने वाले मरीकाों का एम.आर.डी. नंबर, उसका पता आदि लिखकर सी.टी. स्कैन का झूठा रिकार्ड तैयार किया जा रहा है और यही झूठा रिकार्ड हर महीने एम.सी.आई. को भेजा जा रहा है।
इतना ही नहीं कई मरीकाों की सी.टी. स्कैन लिखी ही नहीं होती फिर भी उनकी पूरी डिटेल सी.टी. स्कैन रजिस्टर में लिखकर डाटा पूरा किया जाता है। यह रिकार्ड पिछले लगभग एक साल से तैयार किया जा रहा है। इतना ही नहीं सी.टी. स्कैन के रिकार्ड रजिस्टर को पूरा करने के लिए कच्चे बिल भी काटे जाते हैं। सी.टी. स्कैन की कोई भी रिपोर्ट तैयार नहीं होती। सूत्रोंं का कहना है कि सी.टी. स्कैन मशीन की ई.एम.आई. (किस्तें) और सर्विस के पैसे न देने के कारण कंपनी वाले इसकी सर्विस के लिए नहीं आ रहे। केवल सी.टी. स्कैन ही नहीं बल्कि कुछ अन्य मशीनें भी पिम्स में खराब पड़ी हैं। पिम्स प्रबंधन जानबूझकर इसे ठीक करवाने की कोशिश नहीं कर रहा है।