Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 11:31 AM
सी.आर.पी.एफ. के पंजाब के पहले शहीद सरवण दास की यादगार उनके पैतृक गांव कित्तणां में स्थापित की गई है। इसके अलावा पार्क व सरकारी मिडल स्कूल का नाम भी शहीद को ही समर्पित किया गया है। शहीद सरवण दास ने साल 1959 में शहाद प्राप्त की थी। उक्त संबंध में शहीद...
जालंधर(महेश): सी.आर.पी.एफ. के पंजाब के पहले शहीद सरवण दास की यादगार उनके पैतृक गांव कित्तणां में स्थापित की गई है। इसके अलावा पार्क व सरकारी मिडल स्कूल का नाम भी शहीद को ही समर्पित किया गया है। शहीद सरवण दास ने साल 1959 में शहाद प्राप्त की थी। उक्त संबंध में शहीद के गांव कित्तणां में सी.आर.पी.एफ. एक्स-मैन वैल्फेयर एसो. पंजाब की ओर से प्रधान सुलिन्द्र सिंह कंडी के नेतृत्व में रखे गए प्रोग्राम में डी.आई.जी. ग्रुप सैंटर सराय खास दर्शन लाल गोला मुख्य रूप से शामिल हुए।
इस मौके पर हॉट स्ंिप्रग के 10 शहीदों को सी.आर.पी.एफ. के जवानों द्वारा सालामी भी दी गई। डी.आई.जी. ने शहीद सरवण दास के बुत, पार्क व स्कूल का उद्घाटन भी किया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि स्कूल में पढ़ते बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए अधिक से अधिक प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश प्रधान कंडी ने कहा कि स्कूल को चलाने के लिए शहीद के भतीजे नम्बरदार अमरजीत सिंह का विशेष सहयोग प्राप्त है जो कि वॢदयां, वजीफे व किताबें देकर बच्चों की सहायता करते हैं।
उन्होंने सरकार से शहीदों की बरसी को मेले के रूप में मनाने और शहीदों के परिवारों को पंजाब में नौकरियां देने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि पैरा मिलिट्री फोर्सेस के के जवानों को भी शहीदों का दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहीदों के गांवों तथा परिवारों को सम्मान देना सरकारों का फर्ज बनता है। इस मौके पर पूर्व मंत्री सोहन सिंह ठंडल ने भी अपने विचार रखे। जसविन्द्र सिंह कालरा, सुच्चा सिंह कपूरथला, एस.पी. किशन सिंह, डी.एस.पी. ज्ञान सिंह, कुलवरण सिंह, बलबीर सिंह नडालों, सरपंच रणवीर सिंह राणा, कुलदीप सिंह कालरा, सतपाल सिंह डरोली, बिक्कर सिंह भी इस मौके पर मौजूद थे। एसो. व डी.आई.जी. ने हॉट स्ंिप्रग शहीदों में शामिल जिंदा शहीद बलजीत सिंह को 5-5 हजार रुपए की सहायता भी प्रदान की।