Edited By Updated: 24 Jan, 2017 08:53 AM
करे कोई और भरे कोई वाली कहावत उस समय पर सत्य साबित हुई जब आम आदमी पार्टी की बैठक में पंजाब इंचार्ज संजय सिंह के नेतृत्व में पार्टी में
मानसा: करे कोई और भरे कोई वाली कहावत उस समय पर सत्य साबित हुई जब आम आदमी पार्टी की बैठक में पंजाब इंचार्ज संजय सिंह के नेतृत्व में पार्टी में शामिल किए गांव झब्बर के नौजवान नेता नवदीप सिंह अप्पी झब्बर और हरविंद्र सिंह को अपराधी और बलात्कारी का दोष लगा कर पार्टी से बाहर निकाल दिया गया था। जानकारी अनुसार उक्त नौजवानों और उसके विरोधी का. बंत सिंह झब्बर को एक ही समय पार्टी में शामिल करने उपरांत नवदीप सिंह अप्पी झब्बर और हरविंद्र सिंह पार्टी में निकालने पर उठे सवालों का मामला हर रोज नया मोड़ ले रहा है। नवदीप सिंह अप्पी झब्बर और गांव झब्बरवासियों ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी दलित वोट हथियाने के लिए उनका और उनकी गांव की छवि खराब कर रही है। नवदीप सिंह अप्पी झब्बर और हरविंद्र सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी के दिल्ली के सीनियर नेताओं को पंजाब के नेता पसंद नहीं हैं इसलिए वे खुद पंजाब पर राज करना चाहते हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी में शामिल होने समय ‘आप’ के पंजाब इंचार्ज संजय सिंह ने अप्पी झब्बर से स्टेज पर पूछा था कि क्या का. बंत सिंह झब्बर आए हैं तो यह सुनकर जब का. बंत सिंह झब्बर वहां आ गए तो दलित वोटों के लिए राजनीति शुरू कर दी गई और उन पर झूठे आरोप लगा कर पार्टी से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि उनका नाम बलात्कार के केस या एफ.आई.आर. में दर्ज नहीं है तो फिर वह कैसे बलात्कारी हो गए। अप्पी झब्बर ने कहा कि यदि उनकी छवि खराब है तो गांव वासी उनके परिवार को सरपंच क्यों चुनते। दूसरी तरफ का. बंत सिंह झब्बर ने स्पष्ट किया कि नवदीप सिंह अप्पी झब्बर और हरविंद्र सिंह आदि ने उसकी पिटाई की थी लेकिन उनका बलात्कार जैसे केस के साथ कोई संबंध नहीं है।