Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Oct, 2017 10:59 AM
लावारिस पशुओं खासकर गाय-भैंसों को सड़कों से हटाकर गौशाला में रखने पर आने वाले खर्च की भरपाई के लिए करीब 10 महीने पहले काऊ सैस की वसूली संबंधी फैसला होने से बावजूद अब जाकर मैरिज पैलेसों से कलैक्शन शुरू करने का रास्ता साफ हो पाया है। यह बात किसी से...
लुधियाना (हितेश): लावारिस पशुओं खासकर गाय-भैंसों को सड़कों से हटाकर गौशाला में रखने पर आने वाले खर्च की भरपाई के लिए करीब 10 महीने पहले काऊ सैस की वसूली संबंधी फैसला होने से बावजूद अब जाकर मैरिज पैलेसों से कलैक्शन शुरू करने का रास्ता साफ हो पाया है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि लावारिस पशुओं की समस्या कितना गंभीर रूप धारण करती जा रही है।
इसके तहत सड़कों के किनारे या बीचो-बीच बैठे रहते गाय व सांड टै्रफिक में बाधा तो बनते ही हैं, यह पशु एकाएक सड़क के बीच आने से हादसों की वजह बन रहे हैं। इसी तरह सांडों द्वारा हमला करने के कारण राहगीरों के गंभीर रूप से घायल होने के मामले भी आए दिन सामने आते रहते हैं जिसमें कई लोगों को जान से भी हाथ धोना पड़ चुका है। जानकारों की मानें तो महानगर में हर साल सड़क हादसों के दौरान होने वाली 500 से ज्यादा मौतों में से करीब 100 मामले अकेले लावारिस पशुओं की वजह से होते हैं।
इस समस्या के हल के लिए सरकार ने अपनी गौशाला बनाने व संचालन पर आने वाले खर्च की भरपाई तथा लावारिस पशुओं का रखरखाव कर रही संस्थाओं को मदद देने के लिए 10 आइटमों पर काऊ सैस लगाने का फैसला किया हुआ है। इस पर अमल का पहलु पहले काफी देर तक तो नगर निगम के जनरल हाऊस से प्रस्ताव पास करने व फिर लोकल बॉडीज विभाग से नोटीफिकेशन जारी होने के इंतजार में अटका रहा। अब जनवरी से कुछ आइटमों पर काऊ सैस की वसूली शुरू हो चुकी है। लेकिन मैरिज पैलेसों से कलैक्शन शुरू करने से पहले कैटागरी तय करने के मुद्दे पर तकनीक पेंच फंस गया। जो पहलु हल होने पर अब जाकर वसूली का रास्ता साफ हुआ है।