मामला मनरेगा स्कीम में नियमों की अनदेखी काःअदालत द्वारा पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट रद्द

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Aug, 2017 01:18 PM

court cancel closure report of police

समाना और पातड़ां ब्लॉक में  3 वर्ष पहले मनरेगा के फंडों के प्रयोग व नियमों की अनदेखी के मामले में पुलिस द्वारा 15 जून 2014 को दर्ज की गई एफ.आई.आर. 147 की रीइन्वैस्टीगेशन में दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट को माननीय स्पैशल जज श्री राजीव कालड़ा ने सिरे से...

पटियाला (बलजिन्द्र): समाना और पातड़ां ब्लॉक में  3 वर्ष पहले मनरेगा के फंडों के प्रयोग व नियमों की अनदेखी के मामले में पुलिस द्वारा 15 जून 2014 को दर्ज की गई एफ.आई.आर. 147 की रीइन्वैस्टीगेशन में दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट को माननीय स्पैशल जज श्री राजीव कालड़ा ने सिरे से रद्द कर दिया है और पटियाला पुलिस को सही ढंग से जांच न करने पर डांट भी लगाई है। 

माननीय अदालत के इस फैसले से इस मामले की जांच दोबारा होगी। माननीय जज द्वारा फिलहाल पातड़ां ब्लॉक के बी.डी.पी.ओ. मालविंद्र सिंह (अब बी.डी.पी.ओ. खड़) के मामले की क्लोजर रिपोर्ट को रिजैक्ट कर दिया गया है, जबकि बी.डी.पी.ओ. समाना (अब डिप्टी डायरैक्टर मनरेगा पंजाब) दिनेश कुमार वशिष्ट की क्लोजर रिपोर्ट की सुनवाई होनी बाकी है। यहां यह वर्णनयोग है कि अप्रैल 2014 में यह मामला सामने आया था कि पातड़ां व समाना ब्लॉक में मनरेगा के तहत किए जाने वाले कार्यों में बड़े स्तर पर अनियमितताएं की जा रही हैं। 

मामला सामने आने के बाद जब इस मामले की जांच डिप्टी कंट्रोल फाइनांस एंड अकाऊंट्स (डी.सी.एफ.ए.) की अगुवाई वाली कमेटी ने की तो बड़े स्तर पर कमियां पाई गईं। डी.सी.एफ.ए. की रिपोर्ट के अनुसार ईंटें डी.सी. द्वारा निर्धारित किए गए रेटों से अधिक रेटों पर खरीदी गईं। करोड़ों रुपए का भुगतान एडवांस में बिना ईंटों और अन्य सिविल वर्क के लिए प्रयोग किए जाने वाले मैटीरियल की क्वालिटी जाने बिना ही एडवांस में कर दिया गया। 

जो सामान खरीदा दिखाया गया था, वह गांव में पहुंचा ही नहीं। पानी के टैंकों की खरीद मार्कीट से अधिक की गई। कमेटी के अनुसार काम से पहले न तो गांवों की पंचायतों से प्रस्ताव डलवाए गए और न ही जे.ई. से एस्टीमेट बनवाए गए। करोड़ों रुपए की ईंटें एक ही भट्ठे से ली गईं आदि अनेक ऐसी कमियां पाई गई थीं। जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद उस समय के डी.डी.पी.ओ. (डिवीजनल डिप्टी डायरैक्टर ग्रामीण विकास और पंचायत जालंधर) जगमिंद्र सिंह सिद्धू ने 30 मई 2014 को एस.एस.पी. पटियाला

को एक पत्र लिखकर बी.डी.पी.ओ. समाना दिनेश कुमार और बी.डी.पी.ओ. पातड़ां मालविंद्र सिंह के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश की थी। इस मामले में पुलिस ने बी.डी.पी.ओ. मालविंद्र सिंह के खिलाफ 15 जून 2015 को एफ.आई.आर. नं.-147 के अधीन धारा 409, 419, 420, 467, 468, 471 और 120 आई.पी.सी. के तहत तथा इसी तरह बी.डी.पी.ओ. समाना के खिलाफ केस दर्ज किया था। 

इसके अलावा दोनों बी.डी.पी.ओज द्वारा मामले की दोबारा जांच के लिए की गई अपील के बाद पटियाला पुलिस के एस.पी. स्पैशल ब्रांच गुरचरण सिंह ने इस मामले की जांच की। पटियाला पुलिस द्वारा दोनों बी.डी.पी.ओज को क्लीन चिट देते हुए यह केस रद्द करने के लिए अपनी क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी गई, जिसकी सिफारिश करने वाले जगमिंद्र सिंह सिद्धू द्वारा विरोध भी किया गया। इसके बाद जब अब मामला माननीय स्पैशल जज राजीव कालड़ा की अदालत में आया तो उन्होंने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद पुलिस की केस क्लोजर की रिपोर्ट को रिजैक्ट कर दिया है। अदालत के इस फैसले के साथ इस केस की दोबारा से जांच की जाएगी।

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