Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Oct, 2017 09:05 AM
अदालती आदेशों के बाद स्थानीय पटेल अस्पताल के निकट खाली पड़े विवादित प्लाट की निशानदेही करने गई जालंधर नगर निगम की टीम फिर खाली हाथ वापस लौट आई।
जालंधर (खुराना): अदालती आदेशों के बाद स्थानीय पटेल अस्पताल के निकट खाली पड़े विवादित प्लाट की निशानदेही करने गई जालंधर नगर निगम की टीम फिर खाली हाथ वापस लौट आई। इस टीम का नेतृत्व ए.टी.पी. राजिन्द्र शर्मा तथा तहबाजारी सुपरिंटैंडैंट मनदीप सिंह मिट्ठू द्वारा किया जा रहा था। जैसे ही टीम अस्पताल के निकट स्थित पार्किंग वाले प्लाट में पहुंची, एकाएक अस्पताल के डाक्टर तथा स्टाफ निगम टीम के सामने आ खड़ा हुआ, जहां दोनों पक्षों के बीच जबरदस्त बहस हुई। इतने में अस्पताल के लेडीज स्टाफ ने प्लाट के बीचों-बीच बैठ कर धरना दे दिया।
चूंकि निगम टीम के पास महिला पुलिस बल नहीं था, इसलिए निगम टीम कोई कार्रवाई नहीं कर पाई। इसी दौरान अस्पताल संचालकों ने निगमाधिकारियों की एक पूर्व भाजपा विधायक से टैलीफोन पर बात करवाई, जिसके बाद निगम टीम बगैर कोई कार्रवाई किए खाली हाथ लौट आई।
कमिश्नर के सामने इकट्ठे हुए दोनों पक्ष
बाद दोपहर अस्पताल के प्रतिनिधि नगर निगम कमिश्नर के कार्यालय पहुंच गए और प्लाट के स्वामित्व को लेकर कुछ दावे किए। जैसे ही पटेल अस्पताल के विरोधी पक्ष सिविल लाइन्स सोसायटी को इस बात की भनक मिली तो तुरन्त सोसायटी सदस्य पूर्व पार्षद को साथ लेकर निगम कमिश्नर कार्यालय आ धमके और सिर्फ एक पक्ष की बात सुने जाने और अदालती आदेशों के बावजूद कोई कार्रवाई न किए जाने पर विरोध व्यक्त किया। ऐसे में निगम कमिश्नर डा. बसंत गर्ग ने दोनों पक्षों की बात सुनी और पूरे मामले के निपटारे हेतु दोनों पक्षों को 12 अक्तूबर तक का समय दिया।